लेकिन अब धीरे-धीरे हालात में बदलाव आ रहे हैं। जो कंपनियां भारत छोड़कर गई थी, वह फिर से भारतीय बाजार में अपना निवेश करके यहां व्यापार करने के लिए हाथ आगे बढ़ा रही है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है की देश की तेज आर्थिक वृद्धि दर और आर्थिक सुधारों की वजह से कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती है।
हार्ले डेविडसन लौटी भारत
इसके अलावा अमेरिका की एक और दिग्गज कंपनी हार्ले डेविडसन ने पिछले साल ही भारत में वापस लौटने का फैसला किया था। तब कंपनी ने स्वदेशी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम में निवेश के साथ दोबारा भारतीय बाजार में कदम रखा था। चीन की दिग्गज फैशन कंपनी ‘शेन’ ने भी रिलायंस रिटेल के साथ साझेदारी करके भारत में दोबारा कदम रख दिया है।
कारफू भी करेगी भारत पर निवेश
साथ ही कारफू ने भी भारत में दोबारा लौटने का ऐलान कर दिया है। कंपनी का भारत में फिर से निवेश अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी 2026 विकास योजना का अहम हिस्सा है। वालमार्ट पहले ही फ्लिपकार्ट की खरीद के जरिए भारतीय बाजार में पैठ बना चुकी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत का दुनिया में सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार, अर्थव्यवस्था की तेज वृद्धि और सरकार की आर्थिक सुधार रणनीति की वजह से विदेशी निवेशकों वापस लौट रहे हैं। भारत का व्यापक क्षेत्रफल और इसकी तेज आर्थिक वृद्धि दर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का मुख्य कारण है।
दिग्गज टेक कंपनी ने मिलाए हाथ
अमेरिका की दिग्गज मोबाइल कंपनी एप्पल और दक्षिण कोरिया की कंपनी सैमसंग भारत में अपने- अपने संयंत्र को स्थापित कर चुकी हैं। यह संयंत्र पहले चीन में हुआ करते थे। विशेषज्ञ इसकी भी सबसे बड़ी वजह देश की खपत और बढ़ती अर्थव्यवस्था को ही मानते हैं।