इंडियन मार्केट में नहीं मिलेंगी कंपनी की कार
कंपनी ने चेन्नई फेसिलिटी का उपयोग ग्लोबल बाजारों के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने के लिए चुना है। इस फैसले से पहले राज्य के CM एमके स्टालिन ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान फोर्ड नेतृत्व से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के बाद ‘मेक इन चेन्नई’ की योजना सामने आई है।
12,000 लोगों को रोजगार
फोर्ड ने कहा, “फोर्ड वर्तमान में तमिलनाडु में वैश्विक व्यापार संचालन में 12,000 लोगों को रोजगार देता है। अगले तीन वर्षों के दौरान इस संख्या में 2,500 से 3,000 की और बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनी का गुजरात के साणंद में इंजन यूनिट है जो कि दुनिया भर में फोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा सैलेरिड वर्कफोर्स है।
फोर्ड के बाद इन कंपनियों ने बनाई जगह
फोर्ड भारत में जब बिजनेस कर रही थी तब देश में मारुति, महिंद्र, टाटा, टोयोटा और हुंडई जैसी कंपनी थी. उस समय फोर्ड को लगा कि भारत में उसके लिए ज्यादा उम्मीद नहीं है, ऐसे में कंपनी ने भारत में अपना बिजनेस बंद कर दिया. लेकिन बीते 2 से 3 साल में किआ और एमजी मोटर्स ने मार्केट में अपनी पकड़ बनाई है, जिस वजह से फोर्ड एक बार फिर भारत में अपनी वापसी की उम्मीद दिख रही है.