शिला निकालने पर हुआ था जुर्माना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 में एक ठेकेदार ने दलित किसान की खेती की जमीन से इस शिला को निकाला था। हारोहल्ली-गुज्गुजे गौडानापुरा का रहने वाला 70 साल का किसान रामादास एच. अपने खेत को समतल करवाना चाहता था। खेत की जमीन काफी पथरीली थी। रामदास ने बताया कि वह खेत से पत्थर निकलवाना चाहता था। इसके लिए श्रीनिवास नटराज नाम के ठेकेदार को पत्थर निकालने का ठेका दिया गया। नटराज को 10 फीट की खुदाई के बाद बड़ा पत्थर मिला, जो काले रंग का था।
यही वह श्याम शिला थी, जिसका इस्तेमाल मैसूरु के शिल्पकार अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने में किया। शिला के बारे में आसपास के लोगों को पता चला तो उन्होंने माइंस एंड जियोलॉजी डिपार्टमेंट को सूचना दी। विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और यह कहते हुए कि नटराज ने यहां अवैध खनन किया है, उस पर जुर्माना लगा दिया। हालांकि तब तक पत्थर का चुनाव रामलला की मूर्ति के लिए नहीं किया गया था। बाद में अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति के लिए इस शिला के एक टुकड़े का चयन किया।
किसान अब खेत में बनाएगा राम मंदिर
मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि भाजपा वह रकम नटराज को लौटाएगी, जो उसने जुर्माने के तौर पर भरी थी। जिस किसान के खेत से पत्थर निकाला गया, उसका कहना है कि उस जगह राम मंदिर बनाया जाएगा। इसमें स्थापित की जाने वाली मूर्ति बनाने के लिए वह अरुण योगीराज से संपर्क करेगा।