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Fashion 2024: इको फ्रेंडली रंगीन सूती कपड़ों की डिमांड बढ़ी, अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजारों में जमाई धाक

Eco- Friendly Lifestyle: ग्रीन उत्पादों के साथ आराम, टिकाऊपन और कीमत का पहलू भी पर्यावरण अनुकूल रंगीन सूती कपड़ों का बढ़ा रुझान, 15% ज्यादा भुगतान से परहेज नहीं कर रहें लोग।

नई दिल्लीMay 17, 2024 / 09:53 am

Akash Sharma

Eco-Friendly Fashion: भारत के लोगों में पर्यावरण अनुकूल रंगीन सूती कपड़ों के प्रति रुझान बढ़ रहा है। एक शोध के मुताबिक 28 फीसदी उपभोक्ता ऐसे कपड़ों के लिए 15 फीसदी तक ज्यादा भुगतान से नहीं हिचकते। पुणे (महाराष्ट्र) के सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस के शोधकर्ताओं ने रंगीन सूती कपड़ों को लेकर उपभोक्ताओं के रुझान संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया। शोध में पता चला कि प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास उपभोक्ताओं के बड़े वर्ग को आकर्षित करता है, क्योंकि ऐसा कपड़ा उनके पर्यावरणीय दृष्टिकोण के साथ ज्यादा मेल खाता है। पर्यावरण अनुकूल ग्रीन उत्पादों के साथ आराम, टिकाऊपन और कीमत के पहलू भी जुड़े हुए हैं। शोध में कपास की विशेषताओं के साथ इस तथ्य को भी रेखांकित किया गया कि सूती कपड़े किस श्रेणी में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजारों में भी धाक

शोधकर्ताओं का कहना है कि कपास उत्पादन भारत की ऐतिहासिक विरासत है। प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास ने अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजारों, खासकर यूरोप में लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया है। भारत में सीमित व्यापार संबंधी बुनियादी ढांचा जरूर ग्रीन कपास की सप्लाई में बाधक है।

स्थायी एजेंडा जरूरी

वल्र्ड रिव्यू ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप, मैनेजमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक उपभोक्ताओं की पसंद में सकारात्मक बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिए स्थायी एजेंडा विकसित करने की जरूरत है। अगर मानक कपास उत्पादों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया जाए तो कपड़ा उद्योग में नई संभावलाओं के दरवाजे खुल सकते हैं।
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