हरियाणा और पंजाब के शंभू और खनौरी सहित सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। वहीं सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर भी बैरिकेडिंग और लोहे की कीलें लगा दी गईं है। सड़क के दोनों ओर कंक्रीट के ब्रिगेट्स और बड़े कंटेनर लगा दिए गए हैं ताकि किसानों को राजधानी में आने से रोका जा सके। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के जवानों भी तैनात कर दिया गया है।
आंदोलन को देखते हुए चंडीगढ़ में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार 13 फरवरी को 15 से 20 हजार किसान 2500 ट्रैक्टरों से नई दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं। आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद सहित 10 जिलों में 13 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
पीयूष गोयल आज करेंगे किसान नेताओं से बात
ऑल इंडिया किसान सभा के उपाध्यक्ष हनन मोल्लाह ने कहा कि सरकार ने एमएसपी, बिजली की दरों और कर्ज माफी पर बात करने का वायदा किया था लेकिन आदंलोन को दो साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। सरकार सिर्फ नाटक कर रही है। दूसरी ओर से सरकार ने बातचीत से इस मामले को सुलझाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसे लेकर 12 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर से बातचीत करेंगे।
16 फरवरी को बुलाया भारत बंद
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) इस आंदोलन में शामिल नहीं है। एसकेएम ने एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को लेकर 16 फरवरी को देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है। इस दौरान देश के सभी हाईवे चार घंटे बंद रहेंगे।
आंदोलन से यह हो सकता है नुकसान
1. आंदोलन से परिवहन सेवाओं के व्यवधान होने की आशंका है। इससे देश केकई हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं कमी हो सकती है।
2. देश की अधिकतर दवा विनिर्माण इकाइयां पंजाब और हिमाचल जैसे उत्तरी राज्यों में स्थित हैं। सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से आपातकालीन दवाओं की कमी हो सकती है।
3. सड़क और रेल नाकेबंदी से पेट्रोल डीजल और आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों और मालगाडिय़ों की आवाजाही में बाधा आएगी। इससे आपूर्ति शृंखला बाधित होगी और जमाखोरी बढ़ेगी। इससे सामान की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
4. एनएच-44 जम्मू-कश्मीर सहित पहाड़ी राज्यों को जोड़ता है। इस प्रदर्शन और नाकेबंदी से पहाड़ी राज्यों में आवश्यक वस्तुओं की समस्या हो सकती है।
कक्काजी को हिरासत में लिया
किसान आंदोलन में शामिल होने दिल्ली जा रहे संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) को पुलिस ने भोपाल में उनके घर से हिरासत में ले लिया। पुलिस उन्हें थाने ले गई और करीब दो घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इससे उनकी दिल्ली की ट्रेन छूट गई। कक्काजी ने पुलिस अफसरों से कहा कि उन्हें केंद्र सरकार ने ही बैठक में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ बुलाया है और आप जाने से रोक रहे हैं। यह कहां तक उचित है। कक्काजी ने पत्रिका को बताया, लगता है कि दोनों सरकारों के बीच कोई कन्फ्यूजन हुआ होगा।
परिवहन और स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती हैं बाधित
‘पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठनों के दिल्ली मार्च से परिवहन सेवाएं तथा दवा व आवश्यक सामान की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। जरूरी सामान की आपूर्ति प्रभावित होने से जमाखोरी भी हो सकती है। इससे आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कीमतों में बढ़ोतरी होगी। ऐसे प्रदर्शन और नाकेबंदी से आम जनता को तकलीफ का सामना करना पड़ता है और दैनिक दिनचर्या बाधित होती है, उस पर चिंतन और मनन करने की जरूरत है।’
– चौधरी वीरेंद्र सिंह, प्रदेश प्रचार प्रमुख, भारतीय किसान संघ राजस्थान