जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से कॉरपोरेट कंपनियों में निराशा होना तय है। दरअसल, नए कृषि कानूनों को लेकर कृषि कारोबार से जुड़ी कंपनियां और इसकी तैयारी कर रहे कॉरपोरेट सेक्टर बड़ा प्लान तैयार कर रहे थे। कॉरपोरेट सेक्टर सरकार के इस फैसले के पक्ष में था और इसके गेम चेंजर बता रहा था।
बता दें कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को आसान कर दिया गया था, पेप्सिको,आईटीसी जैसी कॉरपोरेट कंपनियां जिसकी मांग पिछले कई सालों से कर रही हैं। माना जा रहा था कि इन कानूनों से कृषि में स्टार्टअप को काफी बढ़ावा मिलेगा। कॉरपोरेट जगत के लोगों का मानना था कि इससे किसानों को फायदा तो होगा ही साथ ही एग्री सेक्टर की बड़ी कंपनियों को भी फायदा होगा।