दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ी आबोहवा को लेकर डॉक्टर और पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार चिंता जता रहे हैं। पर्यावरणविद् विमलेन्दु झा का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम उत्तर भारत में वर्तमान वायु प्रदूषण संकट की गंभीरता को समझें। यह एक हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति है।
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Delhi Air Pollution: दिल्ली में आज भी गंभीर श्रेणी में हवा, सरकार ने तैनात किए 114 पानी के टैंकर, लगाए स्मॉग गन जानलेवा साबितहो सकता है वायु प्रदूषण पर्यावरणविद विमलेंदु के मुताबिक वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है, अगर समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने सलाह दी कि प्रदूषण के संकट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास स्कूलों को बंद कर देना चाहिए।
यही नहीं वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाय किए जाने चाहिए। इसके साथ ही निर्माण गतिविधियों पर भी रोक लगे। बता दें कि दिल्ली सरकार लगातार प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठा रही है। हालांकि राजधानी में 1 नवंबर से ही सभी कक्षाओं को शुरू किया गया है। ऐसे में अगर एक्स्पर्ट्स की सलाह मानी जाती है तो 19 महीनों बाद खोले गए स्कूल एक बार फिर बंद हो सकते हैं। इसके साथ ही ऑफिस और अन्य संस्थानों को भी ट्रैफिक ना बढ़े और इससे प्रदूषण ना हो बंद किया जा सकता है।
विमलेन्दु झा ने कहा था कि वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण अपने जीवन के 9.5 साल खो देते हैं।
लंग केयर फाउंडेशन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है।
बता दें कि दिल्ली में लगातार तीसरे दिन हवा का स्तर काफी खराब रहा है। शुक्रवार और शनिवार के बाद रविवार की सुबह ठंड रही और न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के हिसाब से सामान्य है।
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Delhi: यमुना में बढ़ा अमोनिया का स्तर, कई इलाकों में आज प्रभावित रहेगी पानी की सप्लाई वहीं वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 433 दर्ज किया गया। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान डेटा (सफर) ने बताया कि सोमवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है।