EPFO Rules Change: ईपीएफओ ने पीएफ क्लेम के लिए प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब पीएफ क्लेम करते समय रद्द किए गए चेक की तस्वीर या बैंक पासबुक की फोटो अपलोड करना अनिवार्य नहीं रहा।
EPFO Rules Change: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में अपने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका असर देशभर के करोड़ों पीएफ खाताधारकों पर पड़ेगा। ये बदलाव पीएफ क्लेम प्रक्रिया को सरल बनाने, डिजिटल वेरिफिकेशन को बढ़ावा देने और यूएएन (UAN) सक्रिय करने को लेकर किए गए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य ‘जीवन की सुगमता’ और ‘कारोबारी सुगमता’ को सुनिश्चित करना है।
ईपीएफओ ने फेस वेरिफिकेशन आधारित नई डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं, जिनके तहत अब ग्राहक अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को फेस वेरिफिकेशन के जरिए प्राप्त और सक्रिय कर सकते हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इन सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे यूजर्स को डिजिटल माध्यम से आसान और तेज़ सेवाएं मिलेंगी।
अब कर्मचारी ‘उमंग’ मोबाइल ऐप की मदद से आधार बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) का उपयोग कर यूएएन बना सकते हैं। नियोक्ता भी नए कर्मचारियों के लिए उमंग ऐप के जरिए यूएएन जेनरेट कर सकते हैं। जिन सदस्यों का यूएएन पहले से है लेकिन एक्टिवेट नहीं हुआ है, वे भी इस ऐप की मदद से आसानी से यूएएन को सक्रिय कर सकते हैं।
ईपीएफओ ने पीएफ क्लेम के लिए प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब पीएफ क्लेम करते समय रद्द किए गए चेक की तस्वीर या बैंक पासबुक की फोटो अपलोड करना अनिवार्य नहीं रहा। साथ ही, बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए नियोक्ता की मंजूरी भी जरूरी नहीं रह गई है।
इन बदलावों से पीएफ से जुड़ी सेवाएं ज्यादा तेज़, आसान और पारदर्शी हो गई हैं। ईपीएफओ का यह कदम डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है, जिससे कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी।