SSLV-D3 की सफलता:
SSLV-D3 (Small Satellite Launch Vehicle) रॉकेट की यह तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान थी। SSLV की पहली और दूसरी उड़ानें 2022 और 2023 में की गई थीं। इस लॉन्च के सफल होने के बाद, SSLV को भविष्य में छोटे उपग्रहों के लिए एक विश्वसनीय और किफायती लॉन्च वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
EOS-08 का प्रक्षेपण:
EOS-08 एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो धरती की निगरानी और डेटा संग्रह के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह उपग्रह भारत की अंतरिक्ष में निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अंतरिक्ष में नई ऊंचाई:
दोनों सैटेलाइट्स को एक गोलाकार कक्षा में स्थापित करना ISRO की सटीकता और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है। यह लॉन्च भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
बाढ़ का पता लगाने की क्षमताएं:
यह पेलोड बाढ़ जैसी घटनाओं का पता लगाने और निगरानी करने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमताओं का उपयोग करता है, जिससे बाढ़ प्रबंधन और पूर्वानुमान में मदद मिलती है।
आपदा निगरानी:
इसकी विशेष क्षमताओं के कारण, यह पेलोड आग, ज्वालामुखी विस्फोट, और अन्य आपदाओं का पता लगाने में मदद करता है। इससे आपदा प्रबंधन एजेंसियों को तत्काल और सटीक जानकारी प्राप्त होती है, जिससे आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों को बेहतर तरीके से समन्वित किया जा सकता है। मिड वेव और लॉन्ग वेव आईआर बैंड:
यह पेलोड दिन और रात दोनों समय में इन्फ्रारेड (आईआर) बैंड का उपयोग करके तस्वीरें कैप्चर करने में सक्षम है।
इन पेलोड्स की क्षमताएं न केवल आपदा की निगरानी में सहायक हैं बल्कि पर्यावरणीय परिवर्तनों और जलवायु परिस्थितियों की निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। EOS-08 उपग्रह की यह तकनीकी विशेषताएँ भारत के पृथ्वी अवलोकन कार्यक्रम को एक नई दिशा देती हैं और आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, और संसाधन निगरानी में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।