राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा पैसा करीब 60.60 अरब रुपए Bharatiya Janata Party को मिला है। जबकि दूसरे नम्बर पर ऑन इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी है, जिसे 16.09 अरब रुपए मिले। वहीं, कांग्रेस के खाते में 14.21 अरब रुपए गए है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी तो कांग्रेस से भी आगे निकल गई।
Election Commission की वेबसाइट पर दो सूचियां अपलोड की गई हैं। पहला उन कंपनियों का है जिन्होंने मूल्य और तारीखों के साथ चुनावी बांड खरीदे। दूसरे में राजनीतिक दलों के नाम के साथ-साथ बांड के मूल्य और उन्हें भुनाए जाने की तारीखें भी हैं। हालांकि, यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को दान दिया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने SBI को मंगलवार तक डेटा चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया था और ऐसा करने में विफल रहने पर अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी थी। अदालत ने बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को आदेश के अनुपालन के बाद हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया था। बैंक ने कहा था कि राजनीतिक दलों ने 22,030 बांड भुनाए थे जबकि शेष 187 बांड भुनाए नहीं गए थे और नियमों के अनुसार पैसा प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में जमा कर दिया गया था।
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-1000 रुपए के 103 ट्रांजक्शन
-10000 रुपए के 219 ट्रांजक्शन
-100000 रुपए के 2526 ट्रांजक्शन
-1000000 रुपए के 5366 ट्रांजक्शन
-10000000 रुपए के 12207 ट्रांजक्शन
नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड से चंदे का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार पिछला डेटा वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, आयोग ने 12 अप्रेल 2019 से पहले बेचे और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत किया था। उसे ही हासिल करने के लिए यह याचिका लगाई गई है। ताकि उसे भी सार्वजनिक किया जा सके।