हाईकोर्ट के आदेश
वे सुनिश्चित करें कि बिना किसी देरी या इंतजार करवाए जांच शुरू हो। मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों की प्रकृति को देखते हुए सबूतों को छिपाने की आशंका के चलते यह जरूरी है कि जांच उसी दिन शुरू हो। परिपत्र में यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों और व्यक्तियों के लिए, जांच को उचित समय तक सीमित रखा जाना चाहिए। यदि असाधारण परििस्थति में नियमित समय के अलावा जांच या पूछताछ करनी हो तो लिखित कारण बताते हुए उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट ने बताया था मानवाधिकार उल्लंघन बॉम्बे हाईकोर्ट ने गत अप्रेल के अपने आदेश में जांच के दायरे में आने वाले लोगों के सोने के अधिकार के महत्व पर जोर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सोने का अधिकार एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है, जिसकी अवहेलना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।