गौरतलब है कि निदेशालय के अधिकारियों ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक फरवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने रिमांड के मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर दो फरवरी को ईडी कोर्ट ने तीन फरवरी से पांच दिनों तक हेमंत सोरेन को ईडी रिमांड पर भेजा दिया।
कोर्ट ने रिमांड के वक्त यह साफ निर्देश दिया कि हेमंत सोरने को किसी तरह का शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना न किया जाए। हर दिन चिकित्सा जांच होती रहनी चाहिए। इतना ही नहीं कोर्ट ने हेमंत सोरेन को अपने परिवार के सदस्य और अपने वकील से मुलाकात करने की छूट दी थी। इसकी अवधि 30 मिनट निर्धारित की थी।