जम्मू कश्मीर राज्य चुनाव आयोग के अनुसार जम्मू कश्मीर में रहने वाले दूसरे राज्यों के लोग मतदााता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में वोट कर सकते हैं। आयोग ने कहा कि बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अधिवास की आवश्यकता नहीं है। अन्य राज्यों के सशस्त्र बल के जवान जो जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, वे भी अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ सकते हैं।
चुनाव आयोग के फैसले के अनुसार गैर कश्मीरी लोग जो राज्य में रह रहे हैं, वे अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने की उम्मीद है।
चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान के लिए कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई जम्मू कश्मीर में कितने समय से रह रहा है। गैर स्थानीय जम्मू कश्मीर में रह रहा है या नहीं इस पर अंतिम फैसला ईआरओ करेगा। यहां किराए पर रहने वाले भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग के इस फैसले से जम्मू कश्मीर में रह रहे लाखों बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार मिलेगा।
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चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर में 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया शुरू होगी। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक चलेगी। 10 नवंबर तक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के संबंध में मिली दावा और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग है। लेकिन मतदाता सूची में कुल वोटरों की संख्या 76 लाख ही है। ऐसे में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के बाद करीब 25 लाख नए मतदाताओं के शामिल होने की संभावना है।