मालूम हो कि हिमाचल में विधानसभा का कार्यकाल नवंबर और गुजरात में विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने दोनों राज्यों में नई सरकार के गठन को ले चुनाव की घोषणा कर दी है।प्रेस कॉफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अक्टूबर के त्योहारों के माहौल में हमलोग लोकतंत्र के त्योहार को भी जोड़ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस समय बीजेपी की सरकार है। चुनावी इतिहास को देंखे तो यहां कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी रही है। लेकिन इस बार यहां आम आदमी पार्टी भी पूरी मजबूती से मैदान में उतर रही है। प्रेस कॉफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग फ्री, फेयर, चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है। वोटर आराम से वोट कर सके, यंग और बुर्जुग मतदाता बूथ तक पहुंचे, इस पर विशेष तैयारी की गई है।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटिंग वाले राज्यों में नामांकन के दिन तक नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा सकता है। साथ ही अन्य राज्यों के लिए पूरे साल में चार बार नए वोटरों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हर पोलिंग स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए रैंप, बिजली, शेड, पेयजल आदि की सुविधा होगी। महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाने के लिए पिंक बूथ बनाया जाएगा। साथ ही कुछ बूथ केवल दिव्यांग कर्मियों द्वारा संचालित किए जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा मतदाता बूथ तक पहुंचे इसकी पूरी तैयारी की गई है।
इधर हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। हिमाचल में 2017 में सिर्फ एक चरण में नौ नवंबर को मतदान हुआ था। वर्तमान में राज्य में 53 लाख 76 हजार 77 रजिस्टर्ड मतदाता हैं। पिछली बार यहां 75.28 फ़ीसदी मतादान हुआ था। हिमाचल प्रदेश में इस समय भाजपा की सरकार है। जयराम ठाकुर यहां मुख्यमंत्री है। कांग्रेस यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी है।