scriptभारत में पहली बार: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में लगेंगे भूकंप रेटिंग स्केल, झटकों का पता चलते ही रूक जाएगी ट्रेन | Earthquake measuring instruments will be installed in the bullet train project | Patrika News
राष्ट्रीय

भारत में पहली बार: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में लगेंगे भूकंप रेटिंग स्केल, झटकों का पता चलते ही रूक जाएगी ट्रेन

Bullet Train project : भूकंप के दौरान यात्रियों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुलेट ट्रेन परियोजना (मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर) के लिए अट्ठाईस (28) भूकंपमापी स्थापित किए जाएंगे।

Jan 30, 2024 / 07:45 am

Shaitan Prajapat

budget_20246666.jpg

Bullet Train project to get system to detect earthquake : अब तक इन्फ्रास्ट्रक्चर और भवन निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन अब बुलेट ट्रेन के सफर को भी भूकंप जैसी आपदा से सुरक्षित रखने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर) के लिए 28 भूकंप मापी यंत्र लगाए जाएंगे। भारत में पहली बार किसी भी रेल प्रोजेक्ट में इसे लागू किया जाएगा। इस यंत्र से भूकंप के दौरान यात्रियों के साथ बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। जापानी शिंकानसेन तकनीक पर आधारित यह प्रणाली न केवल प्राथमिक तरंगों के जरिए भूकंप के झटकों का पता लगाएगी, बल्कि स्वचालित ढंग से बिजली बंद हो जाएगी। बिजली बंद होते ही आपातकालीन ब्रेक सक्रिय हो जाएंगे और प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनें रुक जाएंगी।

14 गुजरात, 8 महराष्ट्र में लगेंगे

28 सिस्मोमीटर में से 22 को अलाइनमेंट के साथ स्थापित किया जाएगा। इनमें से 14 गुजरात और आठ महाराष्ट्र में होंगे। इसके अलावा शेष छह सिस्मोमीटर भूकंप संभावित क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। जापानी विशेषज्ञों ने इसके लिए सर्वेक्षण भी किया था। अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेज गति से जारी है।

सड़क पर गड्ढा और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के बारे में पहले ही बता देगा सेंसर

जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने सड़क पर ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए इंटरनेट ऑफ व्हीकल (आइओवी) आधारित एक तकनीक विकसित की है। इसमें वाहनों के मध्य रियल टाइम कम्युनिकेशन होगा। खास बात ये है कि इसमें सड़क पर गड्ढा होने की स्थिति में वाहन का सेंसर आधा किलोमीटर पहले ही वाहन चालक को सूचित करे देगा। ट्रैफिक जाम की स्थिति होने और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के बारे में भी वाहन चालकों को पहले ही सतर्क कर दिया जाएगा। यह एक तरह से एडवांस सेंसर जैसा है, जो वाहन चालकों को सडक़ की हर स्थिति के बारे में जानकारी देता रहेगा।

आईआईटी जोधपुर ने विकसित की नई तकनीक

यह शोध आईआईटी जोधपुर के कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देबाशीष दास और पीएचडी छात्रा हिमानी सिकरवार ने किया है। शोध को आईईईई ट्रांजेक्शन्स ऑन इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स में प्रकाशित किया गया है।

इमरजेंसी अलर्ट आएगा

इस तकनीक का उपयोग किसी दुर्घटना या रोड की खतरनाक स्थिति के बारे में आपातकालीन अलर्ट जारी करने के लिए भी किया जा सकता है ताकि आसपास वाहन चालक सचेत हो जाएं और जरूरी कदम उठा सकें।

खराब सड़कों के बारे में भी बताएगा

इस नेटवर्क की मदद से जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण कर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का पता लगाया जा सकता है। साथ ही ऐसी सडक़ों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा सकती है, जिनकी स्थिति खराब है। इस तकनीक में यूजऱ का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

यह भी पढ़ें

Budget 2024: सरकार का रोटी-मकान सहित इन मुद्दों पर होगा फोकस, आम आदमी हैं बड़ी उम्मीदें

Hindi News / National News / भारत में पहली बार: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में लगेंगे भूकंप रेटिंग स्केल, झटकों का पता चलते ही रूक जाएगी ट्रेन

ट्रेंडिंग वीडियो