अमरीकी ‘यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे’ (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर समुद्र तल की गहराई में था। यूएसजीएस की तरफ से अभी तक ‘ऑफ्टर शॉक’ यानी भूकंप के झटकों के बाद फिर से झटके आने की जानकारी नहीं दी गई है। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने बताया है कि यह भूकंप 10.54 उत्तर अक्षांश और पूर्व में 91.69 देशांतर पर आया।
जानिए कैसे नापी जाती है भूकंप की तीव्रता? राष्ट्रीय भूकंप केंद्र सहित दुनिया के सभी भूकंप अध्ययन केंद्र भूकंप को 1 से 10 तक नापते हैं। 1 से 10 के बीच जिस तरह से नंबर बढ़ते जाते हैं। खतरा भी उसी तरह से बढ़ता जाता है। इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। अमूमन 5 से ज्यादा का भूकंप पूरे प्रशासन को अलर्ट मोड पर भेज देता है। 10 रिक्टर स्केल के भूकंप का मतलब पूरी तरह से दुनिया की तबाही होता है।
नंबर बढ़ने के साथ बढ़ जाती है तबाही
एनसीएस के मुताबिक 1.0 से 2.9 तीव्रता का भूकंप केवल रिएक्टर मशीन में दर्ज होता है। 3.0 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप को छोटा माना जाता है।, 4.0 से 4.9 तीव्रता को हल्का माना जाता है। 5.0 से 5.9 तीव्रता को गंभीर होता है। 6.0 से 6.9 तीव्रता को जबरदस्त होता है। 7.0 से 7.9 तीव्रता को बहुत ही तबाही वाला होता है। 8.0 या उससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप को बड़े झटके को बड़ी तबाही का संकेत है।