डिब्बाबंद प्रसंस्कृत भोजन पर बढ़ा खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, डिब्बाबंद प्रसंस्कृत भोजन यानी पैकेज्ड फूड (Packaged and processed Food) पर घरेलू खर्च की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। यह वृद्धि सभी क्षेत्रों और उपभोग वर्गों में देखी गई है, लेकिन देश के शीर्ष 20% परिवारों और शहरी क्षेत्रों में यह काफी अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिब्बा बंद भोजन की बढ़ती स्वास्थ्य परिणामों को भी प्रभावित करेगी। ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2011-12 में सव्र्ड प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड पर खर्च की हिस्सेदारी 5.7% थी जो 2022-23 में बढक़र 7.3% हो गई। वहीं शहरी इलाकों में सव्र्ड प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड की परिवारों के मासिक खर्च में हिस्सेदारी वर्ष 2011-12 में 6.5% थी जो वर्ष 2022-23 में बढक़र 8.2% हो गई। 20% सबसे गरीब ग्रामीण लोग पैकेड्ज फूड पर 2022-23 में 7.2% तो शहरों में 6.9 खर्च कर रहे थे।–42.7% था शहरी क्षेत्रों में खान-पान पर खर्च जो 2022-23 में घटकर 39.2% पर आ गया
इतना बढ़ा परिवारों का औसत मासिक खर्च
राज्य ग्रामीण क्षेत्र इजाफा शहरी क्षेत्र इजाफाराजस्थान 4,258 165% 5,909 142%
मध्यप्रदेश 3,112 170% 4,987 142%
छत्तीसगढ़ 2,465 140% 4,477 140%
दिल्ली 6,576 138% 8,219 143%
उत्तर प्रदेश 3,191 176% 5,042 146%
सिक्किम 7,730 394% 12,106 364%
गुजरात 3,799 147% 6,620 156%
महाराष्ट्र 4,010 148% 6,652 109%
चंडीगढ़ 7,466 184% 12,575 275%
यह भी पढ़ें – Tired Staff : मीटिंग-मीटिंग से थक रहे आपके कर्मचारी! पढ़िए चौंकाने वाली FICCI-BCG की रिपोर्ट