उत्तर 24 परगना में एक थीम-आधारित पंडाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की एक मूर्ति मां दुर्गा की जगह स्थापित की है। इस मूर्ति में ममत बरर्जी के 10 हाथ दिखाए गए हैं। हर हाथ में प्रदेश के लिए विभिन्न योजनाएं हैं।
यह भी पढ़ेंः Durga Puja 2021: कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नियमों के साथ पंडालों में होगी एंट्री, ‘सिंदूर खेला’ को मिली मंजूरी पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के आयजकों ने इस बार सीएम ममता बनर्जी की मूर्ति को पंडाल में स्थापित किया है। पंडाल में ममता बनर्जी की एक बड़ी मूर्ति लगाई गई है, जिसके मां दुर्गा की तरह दस हाथ भी बनाए गए हैं।
सीएम की ओर से शुरू की गई दस योजनाओं को दिखाते हुए मूर्ति को दस हाथ दिए गए हैं। ये पंडाल उत्तर 24 परगना के नजरूल पार्क उन्नयन समिति बागुईहाटी में स्थित है।
सीएम की ओर से शुरू की गई दस योजनाओं को दिखाते हुए मूर्ति को दस हाथ दिए गए हैं। ये पंडाल उत्तर 24 परगना के नजरूल पार्क उन्नयन समिति बागुईहाटी में स्थित है।
फाइबरग्लास से बनी है मूर्ति
ममता बनर्जी की इस मूर्ति को फाइबरग्लास से बनाया गया है। मूर्ति में ममता ने एक सफेद साड़ी पहनी है और ‘बिस्वा बांग्ला’ का लोगो भी है। पंडाल थीम आर्टिस्ट अभिजीत ने बताया कि सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पंडाल को पूरा करने में उन्हें लगभग डेढ़ महीने का समय लगा।
ममता बनर्जी की इस मूर्ति को फाइबरग्लास से बनाया गया है। मूर्ति में ममता ने एक सफेद साड़ी पहनी है और ‘बिस्वा बांग्ला’ का लोगो भी है। पंडाल थीम आर्टिस्ट अभिजीत ने बताया कि सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पंडाल को पूरा करने में उन्हें लगभग डेढ़ महीने का समय लगा।
पंडाल थीम आर्टिस्ट ने कहा, कार्यकर्ताओं को आने के लिए मनाना मुश्किल था। हमने सुनिश्चित किया कि उन सभी का वैक्सीनेशन ( टीके की दोनों खुराक ) लग चुकी हैं। इसके बाद ही उन्हें काम करने के लिए बुलाया गया।
सरकारी योजनाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा हर हाथ
वहीं बागुईआटी नजरूल पार्क उन्नयन समिति के अध्यक्ष इंद्रनाथ बागुई के मुताबिक मूर्ति का हर हाथ लखी भंडार और अन्य ऐसी ही सरकार की पहलों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।’
दरअसल पूजा पंडाल में ममता बनर्जी सरकार की योजनाओं और नीतियों का प्रचार किया जा रहा है।
वहीं बागुईआटी नजरूल पार्क उन्नयन समिति के अध्यक्ष इंद्रनाथ बागुई के मुताबिक मूर्ति का हर हाथ लखी भंडार और अन्य ऐसी ही सरकार की पहलों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।’
दरअसल पूजा पंडाल में ममता बनर्जी सरकार की योजनाओं और नीतियों का प्रचार किया जा रहा है।
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कोरोना संकट के बीच सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, पंडाल हर तरफ से खुले होने चाहिए। इसमें अलग-अलग प्रवेश-निकास द्वार बनाए जाने जरूरी हैं।
कोरोना संकट के बीच सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, पंडाल हर तरफ से खुले होने चाहिए। इसमें अलग-अलग प्रवेश-निकास द्वार बनाए जाने जरूरी हैं।
पंडालों को मौजूदा COVID-19 महामारी मानदंडों का पालन करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। नवरात्रि का त्योहार 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। दुर्गा अष्टमी 13 अक्टूबर को है जबकि विजय दशमी 15 अक्टूबर को है।