गुरुवार को अपने फैसले को अदालत बदलते हुए ने पूजा पंडालों (Puja Pandals) में कुछ शर्तों के साथ प्रवेश की अनुमति दे दी। यही नहीं इसके साथ पुष्पांजलि और सिंदूर खेला की भी अनुमति दी गई है।
यह भी पढ़ेँः Navratri 20021: नवरात्र के पहले दिन माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, विदेशी फूलों से हुई सजावट कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को दुर्गा पूजा को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने दुर्गा पूजा में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जैसे- कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी लोगों का टीकाकरण ( वैक्सीन की दोनों डोज) अनिवार्य है।
इसके साथ ही 45- 60 आयु वर्ग के लोग बड़े पूजा पंडालों में और 10-15 उम्र के बच्चों को छोटे पूजा पंडालों में जाने की अनुमति दी गई है। उच्च अदालत ने श्रद्धालुओं को ये इजाजत सिर्फ पुष्पांजलि और सिंदूर खेला में हिस्सा लेने के लिए दी है। बाकी समय पहले की तरह लोगों के पूजा पंडालों में जाने पर रोक लगी रहेगी।
पिछले सप्ताह शुक्रवार को न्यायालय ने आदेश दिया था कि जनता के लिए नो-एंट्री जोन बनाया जाए, ताकि भीड़ के कारण कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।
अर्जी दाखिल करने वाले ने कोरोना वायरस के प्रसार का हवाला देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। पिछले वर्ष भी दुर्गा पूजा के दौरान लोगों के प्रवेश पर रोक थी। यह भी पढ़ेँः Durga Puja 2021: बंगाल में इस बार नहीं होगा ‘पूजा कार्निवाल’
इतने लोगों के पंडाल में रहने की इजाजत
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुताबिक पंडाल में 15 से ज्यादा लोग न हों। कोई बैरियर नहीं लगाया गया है लेकिन कोई एंट्री जोन नहीं बनाया गया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुताबिक पंडाल में 15 से ज्यादा लोग न हों। कोई बैरियर नहीं लगाया गया है लेकिन कोई एंट्री जोन नहीं बनाया गया है।
कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाना चाहिए। एजी ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि पिछले साल सिंदूर के खेल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था, हालांकि, मंडप में एक साथ प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या दी गई है।