लोकसभा चुनावों में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के कारण पश्चिम बंगाल भाजपा संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने शुभेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार समेत सभी नवनिर्वाचित सांसदों को दिल्ली तलब किया है।
शुभेंदु अधिकारी पर गिर सकती है गाज
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक में बंगाल में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि क्या कारण रहे कि 2021 तक तेज गति से आगे बढ़ रही पार्टी अपनी राह से भटक गई। वर्ष 2021 में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे दिलीप घोष ने पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करने को कहा है। उनका कहना है कि पिछले विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में पार्टी अपनी पकड़ क्यों बरकरार रख पाने में नाकाम रही, इसके कारणों का पता लगाए जाने की जरूरत है। दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने दो से बढ़ाकर अपनी सीटें 18 की थीं। तब भाजपा के प्रदर्शन पर राजनीतिक पंडितों ने भी हैरानी जाहिर की थी। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व फिर दिलीप घोष का कद बढ़ा सकता है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर गाज गिर सकती है।
सांगठनिक कमजोरी ने पार्टी के सपनों को तोड़ा
प. बंगाल में भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के कार्यान्वयन और ध्रुवीकरण के सहारे 35 लोकसभा सीट हासिल करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था, जो पूरा नहीं हो पाया। माना जा रहा है कि पार्टी में गुटबाजी, संगठनात्मक कमजोरियों और वाम-कांग्रेस गठबंधन के प्रभाव ने भाजपा के सपनों को तोड़ दिया, पार्टी के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विरोधी वोट हासिल करना कठिन बना दिया। भ्रष्टाचार के आरोपों और आंतरिक संघर्षों सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद टीएमसी मजबूती से खड़ी रही। टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारा नहीं होने से ममता बनर्जी को फायदा हुआ। इससे त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले के लिए मंच तैयार हुआ और टीएमसी को रणनीतिक लाभ मिला।
पार्टी के मत प्रतिशत में दो फीसदी की गिरावट
पश्चिम बंगाल में भाजपा के मत प्रतिशत में दो फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। यह चुनाव विश्लेषकों की ओर से की गई भविष्यवाणी के विपरीत है। भाजपा को इस बार राज्य में 38.73 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को 40.6 प्रतिशत वोट मिला था। भाजपा को पश्चिम बंगाल में इस बार लगभग छह सीटों का नुकसान हुआ है। पिछली बार पार्टी को राज्य में 18 सीट मिली थीं।08:32 AM
Hindi News / National News / BJP के इस नेता पर खराब प्रदर्शन के कारण गिर सकती है गाज, पार्टी आलाकमान जबरदस्त नाराज!