
देश 78वें स्वतंत्रता दिवस से 2 दिन पहले मंगलवार को देश की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाने की 3 अच्छी खबरें आईं। राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी मानव पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) का सफल परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इस प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया है। एमपी-एटीजीएम एक कंधे से दागी जाने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे ढाई किलोमीटर दूर तक दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका प्रक्षेपण भार 15 किलोग्राम से कम है। इस प्रणाली से दिन-रात दुश्मन की जमीनी ताकत का खात्मा किया जा सकता है।
भारत दिसंबर तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए अपनी नई विकसित वायु रक्षा प्रणाली , समर-2 का परीक्षण करने को तैयार है। समर-2 प्रणाली को 30 किमी रेंज तक लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई वाहनों ( यूएवी ) सहित विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। दो उद्योग भागीदारों के सहयोग से विकसित इस प्रणाली का पहला फायरिंग परीक्षण दिसंबर में किया जाएगा। भारत समर-1 प्रणाली का उपयोग कर रहा है जिसकी रेंज आठ किलोमीटर है। समर प्रणाली में रूसी मूल की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल में बदलाव कर उपयोग किया जाएगा।
डीआरडीओ स्वदेशी लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली प्रोजेक्ट 'कुशा' पर भी काम कर रहा है जिसके चार से पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। यह प्रणाली 350 किमी की अधिकतम रेंज प्रदान करेगी।
Published on:
13 Aug 2024 08:41 pm
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