सबसे खास बात है कि यह पेंट राडार की किरणों को इस तरह से सोख लेगा कि पता ही नहीं चलेगा कि यह कौन सा विमान है। पेंट के कारण लड़ाकू विमान का सिग्नेचर ही पूरी तरह से बदल जाएगा। किसी भी युद्धक स्थिति में किसी लड़ाकू विमान की पहचान के लिए सिग्नेचर ही सबसे मुख्य पहलू होता है। इसका प्रयोग मिसाइलों में भी किया जा सकता है। इससे दुश्मन यह नहीं पहचान पाएंगी कि उनकी तरफ आ रही वस्तु आखिर क्या है?
रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.आर नागराजन ने बताया कि इस पेंट को भारतीय वायु सेना के युद्धक विमान मिग 29 में प्रयोग करके देखा गया है। इसका असर बहुत ही शानदार रहा। डॉ.आर नागराजन ने बताया कि इस तरह के पेंट दुनिया के कई देशों के पास है लेकिन वह इसे साझा नहीं करते हैं। ऐसे में यह उपलब्धि बेहद खास हो जाती है। इसे भारतीय वायु सेना के साथ कई उत्कृष्ठ रक्षा संसाधनों में प्रयोग किया जा सकता है।