scriptJK Diary: कश्मीर की खामोशी को खुशी नहीं समझें, मतदान से दिल्ली को संदेश देगी जनता | Don't consider Kashmir's silence as happiness people will give a message to Delhi through voting elections lok sabha 2024 | Patrika News
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JK Diary: कश्मीर की खामोशी को खुशी नहीं समझें, मतदान से दिल्ली को संदेश देगी जनता

कश्मीर के लोगों में अपनी पहचान, अपनी जमीन, अपनी नौकरियों को लेकर डर है? नई दिल्ली को कश्मीर के लोगों को सुनने की जरूरत है और उनके मुद्दों और आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है। पढ़िए पत्रिका के अनिल कैले के साथ पीडीपी के युवा विंग के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पारा से बातचीत के प्रमुख अंश…

नई दिल्लीMay 16, 2024 / 11:41 am

Paritosh Shahi

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के युवा विंग के अध्यक्ष और श्रीनगर प्रत्याशी वहीद उर रहमान पारा ने कहा है कि कश्मीर में खामोशी है। यह चुप्पी खुशी का संकेत नहीं है। इसका जवाब जनता चुनाव में देगी। हम जनता से यही अपील कर रहे हैं कि कश्मीर की जनता को मतदान से नई दिल्ली को संदेश देना होगा। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा, हमारी किसी दल से लड़ाई नहीं है, हम यहां लोगों की घुटन को दूर करना चाहते हैं। पारा आतंकी साजिश रचने के आरोप में जेल भी जा चुके हैं। अभी वे जमानत पर रिहा हैं। उनसे बातचीत के कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं।
सवाल: अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में अमन दिख रहा है और क्या बदलाव आया है?
जवाब: कश्मीर में अमन जरूर है, लेकिन यहां की खामोशी को खुशी नहीं समझा जाए। यह चुनाव नई दिल्ली को संदेश भेजने वाला चुनाव है। कश्मीर के लोगों में अपनी पहचान, अपनी जमीन, अपनी नौकरियों को लेकर डर है? नई दिल्ली को कश्मीर के लोगों को सुनने की जरूरत है और उनके मुद्दों और आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है।
सवाल: चुनाव की रणनीति में इस बार क्या खास है?
जवाब: चुनाव हम कश्मीर के लोगों की खुशियां लौटाने के लिए लड़ रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस से भी हमारी लड़ाई नहीं है। नेशनल कांफ्रेंस के लोग हमारे खिलाफ कैंपेनिंग करते हैं, लेकिन हम नहीं करते। हमने कहीं भी उनके खिलाफ नहीं बोला। वे हमारे विरोधी ही क्यों न हो, पर हम चाहते हैं कि कश्मीर में जो घुटन है, जो खमोशी है, उसका जवाब इस चुनाव में मिले। लोगों की खुशी के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं।
सवाल: एनसी और पीडीपी भी ‘इंडिया’ गठबंधन में है, ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
जवाब: यहां ‘इंडिया’ गठबंधन ने हमारा साथ नहीं दिया, सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई। यदि सीट शेयरिंग पर बात बनती तो हम यहां भी उन्हें सपोर्ट करते।
सवाल: आपकी पार्टी किस मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, क्या 370 वापस लाना चाहते हैं?
जवाब: वह सबकुछ जो यहां के लोग चाहते हैं। यहां के लोगों के चेहरे पर कैसे खुशी आए, यह मुद्दा है। हमारे साथ जो भी नाइंसाफी हुई है, वह सब मुद्दा है। जो 5 अगस्त (2019) को हुआ था, वह मुद्दा पूरे कश्मीर की समस्या का है।
सवाल: आप कश्मीर की तीन सीट जीत भी जाएंगे तो क्या बदलाव कर पाएंगे।
जवाब: लोकतंत्र में एक वोट का भी महत्व है, यह याद रखना चाहिए कि एक वोट से एनडीए की सरकार गिर गई थी। भाजपा को 2 सीटों से यहां तक पहुंचने में 70 साल लग गए।
सवाल: क्या आपको लगता है कि अनुच्छे 370 हटने के बाद माहौल बिगड़ा है?
जवाब: बात माहौल की नहीं, लोगों के चेहरे देखिए, नाउम्मीदी देखिए। जब हमारे फैसले होते हैं तो हमसे पूछा ही नहीं जाता है। फैसला सही है या नहीं, बात यह नहीं है। बात ये है कि हमारे घर और हमारे बच्चों का फैसला करने से पहले हमें पूछा ही नहीं जाता है। यदि ऐसे की राज्यपाल शासन लगाते रहेंगे तो कैसे चलेगा। यदि यह सही तो फिर देश में इसी इसी सिस्टम से शासन चलाया जाए।

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