क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखे वास्तव में पारंपरिक पटाखों की तुलना में काफी सुरक्षित हैं, लेकिन फिर भी इनसे कुछ मात्रा में प्रदूषण होता है। ये पटाखे जलने पर करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर (PM) उत्सर्जित करते हैं और 10 प्रतिशत गैसों का उत्सर्जन होता है, जो पटाखे की संरचना पर निर्भर करती हैं। हालांकि यह प्रदूषण सामान्य पटाखों के मुकाबले कम है, फिर भी इसे नियंत्रित करने के लिए इनके उपयोग में सावधानी जरूरी है। यह भी पढ़ें
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ग्रीन पटाखों की प्रमुख विशेषताएं
नेचर फ्रेंडली ग्रीन पटाखे एक बेहतरीन विकल्प हैं जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं। ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे दिवाली के दौरान हवा की गुणवत्ता को बचाए रखने में मदद मिलती है। ग्रीन पटाखों की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं। आकार में छोटे और हल्के- ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों से छोटे होते हैं, जिससे रॉ मैटीरियल का कम उपयोग होता है। कम प्रदूषण- इनमें विशेष रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होता है, जो पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम पार्टिकुलेट मैटर (PM) और गैसों का उत्सर्जन करते हैं। यह वायु गुणवत्ता को खराब होने से बचाने में मदद करता है।
ध्वनि प्रदूषण में कमी- ये पटाखे सामान्य पटाखों से कम आवाज करते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है और जानवरों और बुजुर्गों के लिए परेशानी कम होती है। जलने पर कम अवशेष- ग्रीन पटाखे जलने के बाद कम राख और अवशेष छोड़ते हैं, जिससे कचरा कम होता है और सफाई का काम आसान हो जाता है।
कम धुआं और गैस उत्सर्जन- ये पटाखे जलने पर कम धुआं और विषैली गैसें उत्पन्न करते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता को कम नुकसान पहुंचता है। उच्च दक्षता- ग्रीन पटाखों को बनाने में उच्च दक्षता और कम रॉ मटीरियल का उपयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरणीय नुकसान कम होता है।