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Diwali 2024: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे? हवा में नहीं घुलने देंगे जहर, जानें बाज़ार में इन्हें कैसे पहचान सकते हैं?

Diwali 2024: पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इस साल कई शहरों में पटाखों पर सख्ती बरती जा रही है या प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, ताकि वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके।

नई दिल्लीOct 19, 2024 / 10:28 am

Shaitan Prajapat

Diwali 2024: दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही हर जगह उत्साह और उल्लास का माहौल बन जाता है। यह पर्व रोशनी, खुशी, और समृद्धि का प्रतीक है, जब लोग अपने घरों को रंगोली, दीयों, और लाइट्स से सजाते हैं और नए कपड़े पहनकर त्योहार मनाते हैं। इस दिन मिठाइयाँ बांटी जाती हैं और लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। पटाखे भी खूब जलाए जाते हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इस साल कई शहरों में पटाखों पर सख्ती बरती जा रही है या प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, ताकि वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, कुछ राज्यों में ग्रीन पटाखे बेचने और इस्तेमाल करने की अनुमति है।

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखे वास्तव में पारंपरिक पटाखों की तुलना में काफी सुरक्षित हैं, लेकिन फिर भी इनसे कुछ मात्रा में प्रदूषण होता है। ये पटाखे जलने पर करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर (PM) उत्सर्जित करते हैं और 10 प्रतिशत गैसों का उत्सर्जन होता है, जो पटाखे की संरचना पर निर्भर करती हैं। हालांकि यह प्रदूषण सामान्य पटाखों के मुकाबले कम है, फिर भी इसे नियंत्रित करने के लिए इनके उपयोग में सावधानी जरूरी है।
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ग्रीन पटाखों की प्रमुख विशेषताएं

नेचर फ्रेंडली ग्रीन पटाखे एक बेहतरीन विकल्प हैं जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं। ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे दिवाली के दौरान हवा की गुणवत्ता को बचाए रखने में मदद मिलती है। ग्रीन पटाखों की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।
आकार में छोटे और हल्के- ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों से छोटे होते हैं, जिससे रॉ मैटीरियल का कम उपयोग होता है।

कम प्रदूषण- इनमें विशेष रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होता है, जो पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम पार्टिकुलेट मैटर (PM) और गैसों का उत्सर्जन करते हैं। यह वायु गुणवत्ता को खराब होने से बचाने में मदद करता है।
ध्वनि प्रदूषण में कमी- ये पटाखे सामान्य पटाखों से कम आवाज करते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है और जानवरों और बुजुर्गों के लिए परेशानी कम होती है।

जलने पर कम अवशेष- ग्रीन पटाखे जलने के बाद कम राख और अवशेष छोड़ते हैं, जिससे कचरा कम होता है और सफाई का काम आसान हो जाता है।
कम धुआं और गैस उत्सर्जन- ये पटाखे जलने पर कम धुआं और विषैली गैसें उत्पन्न करते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता को कम नुकसान पहुंचता है।

उच्च दक्षता- ग्रीन पटाखों को बनाने में उच्च दक्षता और कम रॉ मटीरियल का उपयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरणीय नुकसान कम होता है।

ग्रीन पटाखों की कैसे कर सकते हैं पहचान

ग्रीन पटाखों के नाम पर नकली या प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे बेचे जा सकते हैं, इसलिए इन्हें पहचानने के लिए सही जानकारी होना जरूरी है। ग्रीन पटाखों को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) द्वारा तीन अलग-अलग कैटेगरी में विभाजित किया गया है: SWAS, SAFAL, और STAR। इन तीनों कैटेगरी में कुछ अंतर होते हैं। ये तीन कैटेगरी ग्रीन पटाखों की मान्यता प्राप्त श्रेणियां हैं और इन्हें खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए। ग्रीन पटाखों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आप NEERI ऐप से QR कोड स्कैन करके वास्तविकता की जांच कर सकते हैं। इससे आप नकली पटाखों के चंगुल में नहीं फसेंगे और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प ही चुन पाएंगे।

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