उत्तर प्रदेश (अयोध्या)
अयोध्या में दीवाली का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान राम की नगरी है। मान्यता के अनुसार, रावण पर विजय प्राप्त कर भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। यहाँ दीपोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जिसमें लाखों दीए जलाए जाते हैं और रामलीला का भव्य आयोजन होता है। सरयू नदी के किनारे की घाटों को दीपों से सजाया जाता है, और भव्य आतिशबाजी होती है। दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में दीवाली का
माहौल कुछ अलग होता है। लोग घरों की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई करते हैं और घरों को दीयों, बिजली की लड़ियों और रंगोली से सजाते हैं। यहाँ पर रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन होता है, और रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। दीवाली के दिन लोग विशेष रूप से लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं।
हरियाणा
हरियाणा में दीवाली को विशेष रूप से कृषि से जोड़कर देखा जाता है। किसान अच्छी फसल के लिए माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यहाँ गोवर्धन पूजा का महत्व भी होता है, जिसमें किसान अपने पशुओं को सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दीयों से अपने खेतों और घरों को रोशन करते हैं।
पंजाब
पंजाब में दीवाली का पर्व बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गुरु हरगोबिंद सिंह जी की रिहाई का प्रतीक है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में दिवाली पर भव्य आयोजन होता है। इस दिन लोग गुरुद्वारों में दीए जलाते हैं, लंगर का आयोजन करते हैं और आतिशबाजी होती है। खासकर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में लाखों दीयों से रोशनी की जाती है, जो एक अविस्मरणीय दृश्य होता है।
राजस्थान
राजस्थान में दीवाली को भव्यता और परंपरा के साथ मनाया जाता है। यहाँ के लोग घरों और बाजारों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाते हैं। जोधपुर, जयपुर और उदयपुर में दीवाली का खास आयोजन होता है। उदयपुर में पिचोला झील के किनारे की महल और मंदिरों को दीयों से सजाया जाता है। जयपुर के बाजार विशेष तौर पर सजाए जाते हैं, और यहाँ रोशनी के बीच एक खास ऊर्जा का अनुभव होता है।
उत्तराखंड
उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में दीवाली से एक दिन पहले बग्वाल या बुद्ध काशी मनाई जाती है, जिसमें स्थानीय लोग दीप जलाकर और पूजन करके लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। यहाँ के लोग अपने पूर्वजों को भी स्मरण करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का खास महत्व है। लोग गायों को सजाते हैं और गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर पूजा करते हैं।
बिहार
बिहार में दीवाली के अगले दिन छठ पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है, जो सूर्य देवता की उपासना का पर्व है। लेकिन दिवाली के दिन घरों को साफ-सुथरा करके लक्ष्मी पूजा की जाती है। पटना, गया और अन्य शहरों में दीपों की रोशनी से घरों और मंदिरों को सजाया जाता है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में दिवाली के साथ-साथ बुद्धा दीवाली या बुद्ध पूर्णिमा का भी आयोजन होता है। यहाँ लोग अपने घरों के सामने दीए जलाते हैं और स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। कुल्लू, मनाली और शिमला जैसे स्थानों में पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ दिवाली का पर्व मनाया जाता है।