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भारत में इन कारणों से बढ़ रहा मेंटल स्ट्रेस, रिपोर्ट में हुआ चौकाने वाला खुलासा

Mental Health Helpline: भारत की टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन टेली-मानस पर प्राप्त कॉलों के विश्लेषण से पता चला है कि ज़्यादातर लोग नींद में गड़बड़ी से संबंधित शिकायतों के लिए कॉल करते हैं।

नई दिल्लीOct 11, 2024 / 03:12 pm

Shaitan Prajapat

Mental Health Helpline: भारत की टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन टेली-मानस पर प्राप्त कॉलों के विश्लेषण से पता चला है कि ज़्यादातर लोग नींद में गड़बड़ी से संबंधित शिकायतों के लिए कॉल करते हैं। अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से, टेली-मानस ने देशभर के लोगों से 3.5 लाख से ज़्यादा कॉल का जवाब दिया है। सरकार ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है। जारी टेली-मानस पर मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतों के प्रकार का अवलोकन दर्शाता है कि टॉप चार शिकायतें नींद में गड़बड़ी (14%), मूड की उदासी (14%), तनाव से संबंधित (11%) और चिंता (9%) से संबंधित हैं।

कॉल करने वालों में ज्यादातर 18 से 45 साल के पुरुष

रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर सभी शिकायतों में से 3 प्रतिशत से भी कम की पहचान आत्महत्या से संबंधित मामलों के रूप में की गई है। टेली-मानस हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों में से अधिकांश पुरुष (56%) और 18-45 वर्ष (72%) की आयु के हैं।
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होस्टल में रहने के दौरान नींद में गड़बड़ी

20 वर्षीय एक युवा छात्रा ने मदद के लिए टेली-मानस का रुख किया, जब नींद की गड़बड़ी ने उसके जीवन परेशानियां शुरू हो गई। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, यह सामने आया कि कुछ दोस्तों के साथ एक छात्रावास में रहने के दौरान, सेल फोन और लैपटॉप के अत्यधिक उपयोग के कारण उसकी नींद का चक्र अव्यवस्थित हो गया था। अधिकारियों ने कहा कि उपयोग की समग्र प्रोफ़ाइल से पता चलता है कि टेली-मानस पर प्राप्त अधिकांश शिकायतें सामान्य मानसिक विकारों के लिए हैं।
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