हवाई यात्रा किफायती होगी
नए निर्देश के बाद यात्रियों को केवल उन्हीं सेवाओं का चयन करने की अनुमति मिलेगी, जो उनके लिए प्रासंगिक हैं। यात्री तय कर सकेंगे कि उन्हें कौन सी सुविधा चाहिए और कौन सी नहीं। इससे इससे फ्लाइट टिकट के बेस फेयर में कमी आएगी और किराया सस्ता हो सकेगा। दरअसल, यात्री किराए में एयरलाइंस कई सेवाओं का शुल्क जोड़ देती हैं। इससे बेस फेयर और अंतिम शुल्क में बड़ा अंतर आ जाता है। अब नए निर्देश से यात्रियों के लिए हवाई यात्रा कुछ किफायती हो सकती है।
टिकट बुकिंग के समय पूरी स्पष्टता हो
डीजीसीए ने यह भी निर्देश दिया है कि टिकट बुक करते समय यात्री को दी जाने वाली सेवाओं और उनके शुल्कों के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे केवल उन्हीं सेवाओं का चयन करें, जिनका वे लाभ लेना चाहते हैं। इससे उन सेवाओं का चयन करने की संभावना कम हो जाएगी, जिन्हें वह प्राप्त करना या खरीदना नहीं चाहते। इन सेवाओं में से चुनाव कर सकेंगे
- सीट चुनने (विंडो सीट या विशेष सीट को तरजीह)
- नाश्ता और पेय शुल्क (पीने के पानी को छोडक़र)
- चेक-इन बैगेज शुल्क
- खेल उपकरण शुल्क
- संगीत वाद्ययंत्र शुल्क
- मूल्यवान सामान की विशेष घोषणा के लिए शुल्क
जीरो बैगेज किराया पॉलिसी पेश कर सकेंगी
एयरलाइन बैगेज पॉलिसी के रूप म हवाई कंपनियों को जीरो बैगेज/नो- चेक-इन बैगेज किराया की पेशकश करने की अनुमति दी जाएगी। यह तभी लागू होगा, जब ऐसी किराया योजना के तहत टिकट बुक किया गया हो और यात्री इसके शुल्क से अवगत हों। जब यात्री एयरलाइन काउंटर पर चेक-इन के लिए सामान लेकर आता है तो टिकट पर यह फीस भी प्रिंट करनी पड़ेगी।
कंपनियों को वेबसाइट पर जानकारी देनी होगी
डीजीसीए ने यह भी निर्देश दिया है कि यात्री की ओर से चुनी गई सेवाओं के लिए शुल्क निश्चित यानी फिक्स होगा। किसी विशेष क्षेत्र या उड़ान के आधार किराए के यह शुल्क अलग-अलग नहीं होगा। एयरलाइंस को अपनी वेबसाइट पर सेवाओं और उनके शुल्कों को पारदर्शी और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा।