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बिना लाइसेंस के चल रहा था दिल्ली का बेबी केयर अस्पताल, पुलिस के जांच में हुए कई बड़े खुलासे

Delhi: दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल में लगी आग में सात नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल मालिक और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया।

नई दिल्लीMay 26, 2024 / 09:31 pm

Prashant Tiwari

दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल में लगी आग में सात नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) द्वारा बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल को जारी किया गया लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका है। अस्पताल में जो डॉक्टर नवजात का इलाज करने के लिए थे, वह भी योग्य नहीं थे, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक हैं।
बेबी केयर अस्पताल का मालिक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने अस्पताल मालिक और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मालिक की पहचान पश्चिम विहार के भैरों एन्क्लेव निवासी नवीन खिची के रूप में हुई, जबकि डॉक्टर की पहचान हरियाणा के जिला चरखी दादरी निवासी डॉ. आकाश (26) के रूप में हुई, जो बीएएमएस है।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि शनिवार रात करीब 11.30 बजे बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में आग लगने के संबंध में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) कॉल विवेक विहार पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई, जिसके बाद एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि आग ने अस्पताल और उसके आसपास की इमारत को अपनी चपेट में ले लिया है।
आग लगने से पहले ही हो गई थी एक नवजात की मौत

डीसीपी ने कहा, ”अस्पताल में 12 नवजात शिशु भर्ती थे और एक की आग लगने की घटना से पहले ही मौत हो चुकी थी। सभी 12 नवजात शिशुओं को अन्य लोगों की मदद से अस्पताल से बचाया गया और इलाज के लिए पूर्वी दिल्ली एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।” डीसीपी ने कहा कि दमकल की गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।
हादसे में 7 मासूमों की मौत

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। डीसीपी ने कहा, “सभी 7 शवों को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है।”
फटे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर मिले

डीसीपी ने आगे कहा कि आग बुझाने के बाद अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो वहां फटे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर मिले। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 336, 304 ए और 34 के तहत अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके अलावा, पुलिस स्टाफ, फायर ब्रिगेड स्टाफ और क्राइम टीम द्वारा अस्पताल का गहन निरीक्षण किया गया। डीसीपी ने कहा, ”अस्पताल के निरीक्षण और नर्सिंग स्टाफ की जांच करने पर, यह पाया गया कि वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं था, अनुचित प्रवेश-निकास, आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति, बीएएमएस डॉक्टर की तैनाती आदि, इस मामले में दंडात्मक धारा 304 और 308 आईपीसी लागू की गई है।”
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