दिल्ली में बारिश कई रिकॉर्ड तोड़ रही है। शनिवार शाम तक 383.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो इस महीने में 77 वर्षों में सबसे अधिक है। IMD के एक अधिकारी ने कहा कि सितंबर 1944 में शहर में 417.3 मिमी बारिश हुई थी, जो 1901-2021 की अवधि में सबसे अधिक थी। वहीं रविवार के लिए भी मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
यह भी पढ़ेंः Delhi Weather News Updates: झमाझम बारिश के साथ दिल्ली बनी दरिया, चौंका देगा IGI एयरपोर्ट का वीडियो दिल्ली में मानसून काफी मेहरबान है। पिछले कुछ दिनों में राजधानीवासियों को झमाझम बारिश के चलते उमस और गर्मी से बड़ी राहत मिली है। इस बार सिंतबर के महीने में ना सिर्फ अच्छी बारिश हुई है बल्कि रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है।
इस साल सितंबर में शनिवार शाम साढ़े पांच बजे तक 383.4 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में 1914 में 360.9 मिमी, 1945 में 359.2 मिमी और 1933 में 341.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
सितंबर में अब तक 3 बार भारी बारिश
दिल्ली में इस साल सितंबर में तीन बार भारी बारिश हुई है। एक सितंबर को 112.1 मिमी, इसके बाद 2 सितंबर को 117.7 मिमी और 11 सितंबर (शनिवार) को 94.7 मिमी बारिश हुई, जो बीते एक दशक में इस महीने में सबसे अधिक है।
दिल्ली में इस साल सितंबर में तीन बार भारी बारिश हुई है। एक सितंबर को 112.1 मिमी, इसके बाद 2 सितंबर को 117.7 मिमी और 11 सितंबर (शनिवार) को 94.7 मिमी बारिश हुई, जो बीते एक दशक में इस महीने में सबसे अधिक है।
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मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था ‘स्काईमेट वेदर’ के मुताबिक दिल्ली में इस सितंबर में रेकॉर्ड तोड़ बारिश के दो कारण बताए। उन्होंने कहा कि मानसून की देरी से वापसी और उसके निम्न दबाव प्रणाली का जल्दी बनना इसकी वजह हो सकती हैं।
मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था ‘स्काईमेट वेदर’ के मुताबिक दिल्ली में इस सितंबर में रेकॉर्ड तोड़ बारिश के दो कारण बताए। उन्होंने कहा कि मानसून की देरी से वापसी और उसके निम्न दबाव प्रणाली का जल्दी बनना इसकी वजह हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, मानसून की देर से वापसी के मामले में नम हवा का द्रव्यमान लंबे समय तक बना रहता है। यह इसकी पहुंच से बहुत दूर चला जाता है और राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में बारिश होती है।
उन्होंने कहा, ‘दूसरा, निम्न दबाव प्रणाली तेजी से बन रही है। अभी आधा महीना भी नहीं गुजरा है और हमारे पास पहले से ही दो अच्छी प्रणालियां हैं। अगस्त में, हमारे पास केवल एक ऐसी प्रणाली थी।’