वहीं स्कूलों ने भी गाइडलाइन के मुताबिक अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। स्कूलों के मेडिकल रूम ( Medical Room ) को आपातकालीन स्थिति में आइसोलेशन रूम ( Isolation Room ) में बदल दिया गया है. कुछ स्कूलों में ऑक्सीजन सिलेंडर ( Oxygen Cylinder ) और कंसंट्रेटर की व्यवस्था भी की गई है। बता दें कि जो बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते उनके लिए ऑनलाइन क्लास चलती रहेंगी।
यह भी पढ़ेंः Delhi Weather News Updates Today: दिल्ली में झमाझम बारिश से हुई दिन की शुरुआत, कई जगहों पर जल जमाव से यातायात प्रभावित कोरोना के कम होते मामलों के बीच दिल्ली में लंबे समय बाद एक बार फिर स्कूलों को खोला गया है। 1 सितंबर से दिल्ली में 9वीं और 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए हैं। स्कूल निर्देशों के मुताबिक एक क्लास में 9 से 12 बच्चों को ही बिठाएगा।
क्लास में ज्यादा बच्चे आ जाने पर स्कूल में ऑड-ईवन सिस्टम भी लागू किया जा सकता है। दरअसल पिछले जनवरी से 10-12वीं के लिए और फरवरी में 9वी और 11वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया था।
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– थर्मल चेकिंग के बिना किसी की भी स्कूल में एंट्री नहीं होगी
– स्कूल के अंदर सभी के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही स्कूल हेड को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में कुछ अतिरिक्त मास्क भी रखें जाएं
– स्कूलों को एक बार में 50% क्षमता के साथ स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। ऐसे में शिफ्ट में क्लासेज लगाई जाएंगी। इसमें एक शिफ्ट में आधे स्टूडेंट्स तो बाकि स्टूडेंट्स अगली शिफ्ट में आएंगे। दो शिफ्ट के बीच में कम से कम 1 घंटे का अंतर रखना होगा।
– कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जा सकेंगे
– बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो करना ही होगा, इसके साथ ही बच्चों की स्कूल में एंट्री के वक्त भी इसको लेकर सख्ती बरतने को कहा गया है।
– स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों में सफाई के साथ थर्मल स्कैनर, डिसइन्फेक्टैंट, सैनिटाइजर्स, सोप, मास्क आदि पर्याप्त रहें।
– स्कूल में किसी बच्चे, स्टाफ या टीचर को खांसी, बुखार या सर्दी होती है तो उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।
– स्टूडेंट्स को बिना पैरंट्स की सहमति के स्कूल बुलाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
– स्कूल के कॉमन एरिया और खासकर ऐसी जगहों पर जिन्हें आमतौर पर बच्चे ज्यादा हाथ लगाते हैं, को सैनिटाइज करने के निर्देश हैं
– क्लास रूम को भी लगातार सैनेटाइज करना होगा
– स्कूल को ये सुनिश्चित करना होगा कि स्टाफ को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हो
– थर्मल चेकिंग के बिना किसी की भी स्कूल में एंट्री नहीं होगी
– स्कूल के अंदर सभी के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही स्कूल हेड को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में कुछ अतिरिक्त मास्क भी रखें जाएं
– स्कूलों को एक बार में 50% क्षमता के साथ स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। ऐसे में शिफ्ट में क्लासेज लगाई जाएंगी। इसमें एक शिफ्ट में आधे स्टूडेंट्स तो बाकि स्टूडेंट्स अगली शिफ्ट में आएंगे। दो शिफ्ट के बीच में कम से कम 1 घंटे का अंतर रखना होगा।
– कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जा सकेंगे
– बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो करना ही होगा, इसके साथ ही बच्चों की स्कूल में एंट्री के वक्त भी इसको लेकर सख्ती बरतने को कहा गया है।
– स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों में सफाई के साथ थर्मल स्कैनर, डिसइन्फेक्टैंट, सैनिटाइजर्स, सोप, मास्क आदि पर्याप्त रहें।
– स्कूल में किसी बच्चे, स्टाफ या टीचर को खांसी, बुखार या सर्दी होती है तो उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।
– स्टूडेंट्स को बिना पैरंट्स की सहमति के स्कूल बुलाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
– स्कूल के कॉमन एरिया और खासकर ऐसी जगहों पर जिन्हें आमतौर पर बच्चे ज्यादा हाथ लगाते हैं, को सैनिटाइज करने के निर्देश हैं
– क्लास रूम को भी लगातार सैनेटाइज करना होगा
– स्कूल को ये सुनिश्चित करना होगा कि स्टाफ को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हो