गोपाल राय ने कहा कि शहर में कई निजी एजेंसियां निर्माण कार्य कर रही हैं। 50 से ज्यादा ऐसी कंपनियों के साथ बैठक कर निजी निर्माण स्थलों को 15 दिनों में धूल प्रदूषण रोकने के लिए 14 सूत्री दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। खास तौर पर राजधानी में दो इलाकों में स्मॉग टावर भी लगाए गए हैं, ताकि हवा को शुद्ध रखा जा सके।
– निर्माण स्थलों के चारों ओर टीन की दीवार खड़ी की जाए
– धूल से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव
– बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण और ध्वस्तीकरण होने पर एंटी स्मोग गन लगाना जरूरी
– निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से ढंकना होगा
– निर्माण को तिरपाल या ग्रीन नेट से ढंकना अनिवार्य होगा
– निर्माण सामग्री या मलबे का सड़क किनारे भंडारण प्रतिबंधित
– निर्माण सामग्री लाने-ले जाने वाले वाहनों की सफाई अनिवार्य
– बिना ढंके मिट्टी या बालू को नहीं रखा जाएगा
– पत्थरों की कटिंग या ग्राइडिंग खुले में नहीं होनी चाहिए
– बीस हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाली साइट पर सड़क पक्की हो या ब्लैक डाक्स बनाई जाएं
– कर्मचारियों को डस्ट मास्क दिया जाए
– मलबे को चिह्नित साइट पर ही भेजा जाए और रिकार्ड रखा जाए
– कर्मचारियों की चिकित्सा की व्यवस्था हो
– निर्माण स्थलों पर सार्वजनिक बोर्ड लगाया जाएं