दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) में ऐतिहासिक बदलाव के तहत हर पुलिस थाने में अब दो तरह की कार्य प्रणाली के तहत काम किया जाएगा। एक के तहत पुलिसिंग का जोर कानून व्यवस्था पर रहेगा तो दूसरी को सिर्फ जांच पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके लिए खाका तैयार किया जा चुका है।
यह भी पढ़ेंः Delhi School Reopen: कोरोना से जंग के बीच दिल्ली में खुले 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, जानिए क्या हैं नियम ये हुए दिल्ली पुलिस में बदलाव 1 सितंबर से पुलिस थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को दो हिस्सों में काम करने के लिए कहा गया है। पहले हिस्से की जिम्मेदारी इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखना होगा। इसके तहत इलाके में गश्त करना, अपराध से जुड़ी कॉल अटेंड करना शामिल होगा।
जबकि दूसरे हिस्से में पुलिस का काम जांच सम्बंधित होगा जैसे FIR दर्ज करना, उसकी जांच करना, आरोपियों की धड़ पकड़ और फिर अदालत में मजबूत साक्ष्य और टाइट चार्जशीट दायर करना। इसका मकसद मुजरिम को सजा दिलवाई जा सके।
ये होगा फायदा
पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस बदलाव से कानून व्यवस्था बेहतर होने के साथ – साथ अपराधियों को सजा दिलवाने के प्रतिशत में भी सुधार आने की उम्मीद है। नए बदलाव के तहत दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को भी थानों से जोड़ा गया है। पीसीआर टीम थानों में बीट पर तैनात रहने के साथ कॉल अटेंड करेंगी और गश्त भी करेंगी।
पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस बदलाव से कानून व्यवस्था बेहतर होने के साथ – साथ अपराधियों को सजा दिलवाने के प्रतिशत में भी सुधार आने की उम्मीद है। नए बदलाव के तहत दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट को भी थानों से जोड़ा गया है। पीसीआर टीम थानों में बीट पर तैनात रहने के साथ कॉल अटेंड करेंगी और गश्त भी करेंगी।
किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था संबंधी कॉल आने पर बीट पेट्रोलिंग व्हीकल या बीट वैन मौके पर पहुंचेगी। घटना स्थल पर अधिक फोर्स की जरूरत होगी तो इसकी जानकारी कानून व्यवस्था के इंस्पेक्टर एवं एसएचओ को दी जाएगी।
थाने में तैनात इंस्पेक्टर एटीओ को अब लॉ एंड ऑर्डर पर ध्यान देना होगा। जबकि इन्वेस्टिगेशन इंस्पेक्टर क्राइम और इन्वेस्टिगेशन पर ध्यान देंगे। महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती
नए बदलाव के तहत हर थाने में महिला पुलिस कर्मियों को भी बीट पर तैनात करने के लिए कहा गया है। खासतौर से उस इलाके में जहां पर लड़कियों के स्कूल, कॉलेज आदि हों। वहां के थानों पर महिला पुलिस की तैनाती अनिवार्य है। अगर किसी बीट को लेकर क्षेत्र में समस्या होती है तो डीसीपी और ज्वाइंट सीपी अपने स्तर पर उसे सुलझाएंगे।
नए बदलाव के तहत हर थाने में महिला पुलिस कर्मियों को भी बीट पर तैनात करने के लिए कहा गया है। खासतौर से उस इलाके में जहां पर लड़कियों के स्कूल, कॉलेज आदि हों। वहां के थानों पर महिला पुलिस की तैनाती अनिवार्य है। अगर किसी बीट को लेकर क्षेत्र में समस्या होती है तो डीसीपी और ज्वाइंट सीपी अपने स्तर पर उसे सुलझाएंगे।
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सभी बीट वैन अपनी जीपीएस लोकेशन ऑन रखेंगी। लोकेशन बंद पाई जाने पर कार्रवाई की जा सकती है। पीसीआर और थाने की बीट का विलय होने की वजह से क्षेत्र काफी बड़ा हो जाएगा। इसलिए ऐसे पुलिसकर्मियों को इसमें तैनात किया जाएगा जो व्यवहार कुशल हों और कानून व्यवस्था को अच्छे से संभाल सकते हैं।
सभी बीट वैन अपनी जीपीएस लोकेशन ऑन रखेंगी। लोकेशन बंद पाई जाने पर कार्रवाई की जा सकती है। पीसीआर और थाने की बीट का विलय होने की वजह से क्षेत्र काफी बड़ा हो जाएगा। इसलिए ऐसे पुलिसकर्मियों को इसमें तैनात किया जाएगा जो व्यवहार कुशल हों और कानून व्यवस्था को अच्छे से संभाल सकते हैं।
यह भी पढ़ेंः SHO के पास होगा ये काम
दिल्ली पुलिस में हुए बदलाव के तहत अब थाने में ड्यूटी अफसर, जनता के लिए बनाया गया हेल्प डेस्क, वीमेन हेल्प डेस्क एवं अन्य कार्य की देखरेख एसएचओ ( SHO ) के पास रहेगी।
दिल्ली पुलिस में हुए बदलाव के तहत अब थाने में ड्यूटी अफसर, जनता के लिए बनाया गया हेल्प डेस्क, वीमेन हेल्प डेस्क एवं अन्य कार्य की देखरेख एसएचओ ( SHO ) के पास रहेगी।
थाने की मेंटेनेंस, बैरक, गाड़ियां आदि भी एसएचओ के अधीन होंगे। आईसीएमएस, सीसीटीएनएस और आईसीजेएस की जिम्मेदारी भी जांच इंस्पेक्टर के माध्यम से एसएचओ की होगी।