इन कार्टन में लगभग 11760 चाइनीज मांझे के रोल मिले। पुलिस ने मौके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। ये छापेमारी नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के रामगढ़ महेंद्र पार्क में की गई। यहां आरोपी किराए के गोदाम में अपनी दुकान चला रहा था। पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने सफेद प्लास्टिक के बैग में चाइनीस मांझे को छिपा कर रखा था। पुलिस को इस गोदाम के बारे में नोएडा के एक चीनी मांझा सप्लायर से लगी थी।
पुलिस के मुताबिक सूरत से दिल्ली में इन चाइनीज मांजे की सप्लाई की जा रही थी। चीनी मांझा बेचने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने कोडवर्ड को डिकोड कर लिया और कस्टमर बनकर आरोपी के पास डील करने गए। पुलिस को जैसे ही सबूत हासिल हुए उन्होंने आरोपी को धर दबोचा। पुलिस ने बताया की आरोपी अमरजीत जहांगीरपुरी का रहने वाला है।
बता दें, स्वतंत्रता दिवस पर पतंग और मांझे की डिमांड बढ़ जाती है। वहीं दिल्ली में चाइनीज मांझे के इस्तेमाल करनेवालों के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है। दिल्ली में साल 2017 से चाइनीज मांझा पर बैन है। चाइनीज मांझे के इस्तेमाल और बिक्री पर बैन लगा दिए जाने के बावजूद इसके हर साल एक का इस्तेमाल होता है। चाइनीज मांझा ना केवल आसमान में उड़ने वाले पक्षियों बल्कि सड़क पर चलने वाले लोगों के लिए भी घातक साबित होता है यही उदाहरण बीते दिन दिल्ली के रोहिणी में देखने को मिला।
दिल्ली के रोहिणी निवासी सुमित रंगा की चीनी मांझे ने जान ले ली। मृतक सुमित राड़ी से अपनी मोटरसाइकिल से घर आ रहा था और जब वह हैदरपुर फ्लाईओवर पर पहुंचा तो मांझा उसके गर्दन में उलझ गई। जिससे उसकी गले की नस कट गई और मौके पर ही मौत हो गई। गौरतलब है की चीनी मांजे में कांच का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसे बनाने के लिए मेटल का भी इस्तेमाल किया जाता है।