एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट प्लान 2041 में सड़क और रेलवे नेटवर्क के साथ-साथ मेट्रो के नए कॉरिडोर पर भी काम होगा। साथ ही ड्राफ्ट प्लान में बताया गया है कि एनसीआर में प्रदूषण का बड़ा कारण वाहनों से होने वाला प्रदूषण है। कुल प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 40 से 50 फीसदी है। सार्वजनिक परिवहन के साधनों को बेहतर कर ही प्रदूषण को कम किया जा सकता है। जिस वजह से मेट्रो के नेटवर्क को बढ़ाना और भी जरूरी है।
क्या रहेगा मेट्रो का नेटवर्क:
दिल्ली और उसके बाहर गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा मेट्रो नेटवर्क से जुड़ गए हैं। इसके बाद अगले चरण में इसे दूसरे शहरों से जोड़ने की योजना है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने छह नए कॉरिडोर की पहचान की है। इसमे गाजियाबाद को मेरठ, सोनीपत को पानीपत से जोड़ा जाएगा। फरीदाबाद से पलवल और जेवर तक मेट्रो लाइन बिछाई जाएगी। फरीदाबाद और गुरुग्राम के बीच भी मेट्रो कारिडोर प्रस्तावित किया है। इससे हरियाणा के शहरों की जेवर एयरपोर्ट तक सीधी पहुंच हो जाएगी। इसके अलावा बहादुरगढ़-रोहतक और गुरुग्राम से मानेसर-रिवाड़ी तक भी मेट्रो की योजना है।
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प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर क्या है: 1. सोनीपत-पानीपत
2. गाजियाबाद-मेरठ
3. फरीदाबाद-पलवल-जेवर
4. फरीदाबाद-गुरुग्राम
5. बहादुरगढ-रोहतक
6. गुरुग्राम-मानेसर-रिवाड़ी
गति को 32 से बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रतिघंटा करने का लक्ष्य:
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने शहरों में परिवहन की गति तेज करने के लिए मेट्रो की रफ्तार बढ़ाना प्रस्तावित किया है। अभी मेट्रो की औसत रफ्तार 32 किलोमीटर प्रतिघंटा है। जिसे 2025 तक 70 किलोमीटर प्रतिघंटा करने का लक्ष्य है।दिल्ली मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल की औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। इसके बाद मेट्रो की गति बढ़ने से सफर में लगने वाला समय कम हो जाएगा।