जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि बीएनएसएस की धारा 531(2)(a) से यह स्पष्ट है कि कोई भी आवेदन, अपील या कार्यवाही 1 जुलाई या उसके बाद दायर होने पर बीएनएसएस के तहत ही होनी चाहिए। कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी की अर्जी पुराने कानून (CRPC) के तहत दाखिल करने के बावजूद उसे बीएनएसएस के तहत सुनना स्वीकार किया।