कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को उचिम मूल्य की दुकानों में राशन की कमी नहीं होने पर राशन को कार्ड होल्डरों के घर तक पहुंचाने की इजाजत दे दी है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई बार आरोप लगा चुके हैं कि केंद्र सरकार उनके राशन की होम डिलीवरी योजना को मंजूरी नहीं दे रही है। हालांकि इस मामले में कोर्ट का रुख करने के बाद अब केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत मिली है।
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सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य डॉक्यूमेंट्स के रिन्युअल की डेडलाइन बढ़ाई, जानिए कब तक की दी मोहलत दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court ) ने दिल्ली सरकार को मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली ( PDS ) वितरकों या उचित मूल्य की दुकान (एफएसपी) के मालिकों की आपूर्ति को राष्ट्रीय राजधानी में राशन की होम डिलीवरी के लिए डायवर्ट करने की अनुमति दी है।
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की डिवीजन बेंच ने 22 मार्च, 2021 को दिए अपने आदेश में बदलाव भी किया। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने क्षेत्र के प्रत्येक कार्डधारक के विवरण के बारे में सभी उचित मूल्य की दुकान के डीलरों को सूचित करे, जिन्होंने डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुना है, ताकि ऐसे लाभार्थियों के लिए निर्धारित राशन दुकानों को आपूर्ति न हो।
इसके बाद ही फैसला लिया जाए कि उन्हें होम डिलीवरी दी जानी चाहिए या नहीं। कोर्ट ने सरकार की उस दलील पर ध्यान देने के बाद अपने पहले के आदेश में संशोधन किया है, जिसमें कहा गया था कि ‘बड़ी संख्या’ ने सभी पीडीएस कार्डधारकों से विकल्प तलाशने के लिए अपने दरवाजे पर राशन की आपूर्ति का विकल्प चुना है।
सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ के सदस्यों को आपूर्ति में कटौती करनी होगी, जिन्होंने नई योजना के तहत लोगों को राशन की होम डिलीवरी की है।
यह भी पढ़ेंः शिक्षा निदेशालय का आदेश, 15 अक्टूबर तक टीचर्स और स्कूल स्टाफ लगवा लें वैक्सीन, वरना नहीं मिलेगी एंट्री पुराना विकल्प भी खुला रहेगादिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग राशन की डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनते हैं तो भी उनके पास एक बार फिर से पुरानी प्रणाली के तहत राशन लेने का भी विकल्प होगा।