कौन है सोनू पंजाबन?
सोनू पंजाबन, जिसका असली नाम गीता अरोड़ा है। वही सोनू पंजाबन, जो कभी लेडी डॉन के नाम से कुख्यात रही और जिसने दिल्ली-एनसीआर के भीतर देह व्यापार का सबसे बड़ा रैकेट चलाया। 22 जुलाई 2020 को ट्रायल कोर्ट ने सोनू पंजाबन को एक नाबालिग लड़की को जबरन देह व्यापार में धकेलने पर POCSO एक्ट के तहत दोषी माना और उसे 24 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सोनू पंजाबन को सभ्य समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उसने महिला कहलाने की सारी हदें भी पार कर दी हैं। सोनू पंजाबन के ऊपर कई केस दर्ज हैं, लेकिन ये पहला मामला था, जिसमें उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई। आखिर क्या है इसकी क्राइम कुंडली?
कैसे हुई जुर्म की दुनिया में एंट्री?
सोनू पंजाबन देह व्यापार के धंधे में कैसे उतरी? गीता अरोड़ा से बदलकर कब उसका नाम सोनू पंजाबन हो गया? जुर्म की दुनिया में उसने कब अपने कदम रखे? इन सवालों के जवाब जानने के लिए जब उसकी हिस्ट्री खंगाली गई तो पता चला कि गैंगस्टर्स के साथ सोनू का पुराना और लंबा कनेक्शन रहा है। साल 2003 में उसकी जिंदगी में विजय सिंह नाम का गैंगस्टर आया और उसके साथ शादी करते ही सोनू ने जुर्म की दुनिया में एंट्री ले ली। हालांकि, उसी साल यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में विजय सिंह को ढेर कर दिया था।
पति के बाद क्रिमिनल प्रेमी
विजय सिंह की मौत के बाद कुछ वक्त बीता, तो सोनू की जिंदगी में दीपक नाम के एक दूसरे क्रिमिनल की एंट्री हुई। दीपक का नाम जुर्म की कई वारदातों में शामिल था और पुलिस उसके पीछे थी। दोनों के बीच पहले बातें शुरू हुईं और धीरे-धीरे बातचीत का ये सिलसिला अफेयर में बदल गया। दीपक के साथ सोनू के रिलेशन को अभी कुछ ही साल बीते थे कि असम में हुई एक मुठभेड़ में पुलिस ने उसे मार गिराया। यहां से सोनू का अफेयर दीपक के भाई और गैंगस्टर हेमंत सोनू के साथ शुरू हो गया। कुछ वक्त बाद दोनों ने शादी कर ली और साथ-साथ रहने लगे।
कैसे करती थी लड़कियों का शिकार?
बताया जाता है कि सोनू पंजाबन को लग्जरी लाइफ पसंद थी और इसी वजह से उसने जुर्म की राह पर चलना शुरू किया। अपने धंधे में उसने धीरे-धीरे दूसरी लड़कियों को खींचना शुरू किया। उसके निशाने पर होती थीं वो लड़कियां, जो फिल्मों और मॉडलिंग की दुनिया में जाने की चाहत लिए अपना घर-परिवार छोड़ आती थीं। इन लड़कियों को अपने धंधे में शामिल कर, सोनू दूसरे राज्यों में भी इनकी सप्लाई करती थी। अपने ग्रुप में उसने कुछ ऐसे लोगों को भी भर्ती किया, जिनका काम इन लड़कियों का बाहर ले जाना और सुरक्षित वापस लाना था। उसके ग्राहकों में कई हाई-प्रोफाइल लोग शामिल थे।
कोर्ट ने कहा,तुम सभ्य समाज में रहने वाली महिला नहीं हो
22 जुलाई 2020 को सोनू पंजाबन को सजा सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट ने कहा कि उसने ना केवल वेश्यावृत्ति के लिए पीड़िता को खरीदा, बल्कि उसे अपनी मांगों के आगे झुकने के लिए मजबूर भी किया। सोनू ने एक नाबालिग लड़की के साथ क्रूरता की हदें पार कीं। उसने पीड़िता को जबरन नशीली दवाइयां दीं, ताकि वह किसी ग्राहक का विरोध ना कर सके। कोर्ट ने कहा कि एक महिला की मर्यादा उसके लिए सबसे बड़ी चीज होती है। एक महिला, दूसरी नाबालिग महिला की मर्यादा को इस तरह से कैसे अपमानित कर सकती है? सोनू पंजाबन के इस शर्मनाक काम की वजह से, कोर्ट उसे किसी भी तरह की रियायत नहीं दे सकती। उसके लिए सिर्फ एक ही जगह है, जेल। ऐसी महिला को सभ्य समाज में रहने या महिला कहलाने का भी हक नहीं है।