दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा, उमैर अहमद, मोहम्मद बिलाल नदीम, शरजील इमाम, चंदा यादव, सफूरा जरगर पर आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186, 353, 427 के साथ.साथ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने मोहम्मद शोएब और मोहम्मद अबुजार पर आईपीसी की धारा 143 के तहत आरोप लगाए और अन्य सभी धाराओं से आरोपमुक्त कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा, उमैर अहमद, मोहम्मद बिलाल नदीम, शरजील इमाम, चंदा यादव, सफूरा जरगर पर आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186, 353, 427 के साथ.साथ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने मोहम्मद शोएब और मोहम्मद अबुजार पर आईपीसी की धारा 143 के तहत आरोप लगाए और अन्य सभी धाराओं से आरोपमुक्त कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था
दिल्ली हाई कोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा के मामले में उन्हें धारा 308, 323, 341 और 435 से मुक्त कर दिया लेकिन अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए। न्यायाधीश शर्मा ने 23 मार्च को याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा के मामले में उन्हें धारा 308, 323, 341 और 435 से मुक्त कर दिया लेकिन अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए। न्यायाधीश शर्मा ने 23 मार्च को याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दिसंबर 2019 में हुआ था जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा
दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस और नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी थी। सभी 11 आरोपी इमाम, तन्हा, जरगर, अबुजर, उमैर अहमद, मोहम्मद शोएब, महमूद अनवर, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद बिलाल नदीम, शहजार रजा खान और चंदा यादव को ट्रायल कोर्ट ने 4 फरवरी को आरोपमुक्त कर दिया था। पर मोहम्मद इलियास के खिलाफ गैरकानूनी असेंबली और दंगे के आरोप तय किए गए थे।
दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस और नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी थी। सभी 11 आरोपी इमाम, तन्हा, जरगर, अबुजर, उमैर अहमद, मोहम्मद शोएब, महमूद अनवर, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद बिलाल नदीम, शहजार रजा खान और चंदा यादव को ट्रायल कोर्ट ने 4 फरवरी को आरोपमुक्त कर दिया था। पर मोहम्मद इलियास के खिलाफ गैरकानूनी असेंबली और दंगे के आरोप तय किए गए थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को किया बरी, पुलिस को लगाई फटकार
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे वर्मा ने आरोपी व्यक्तियों को बरी करते हुए पुलिस को फटकार लगाई थी और कहा था कि पुलिस अपराध करने के पीछे वास्तविक अपराधियों को पकड़ने में असमर्थ रही, लेकिन निश्चित रूप से इन 11 आरोपियों को बलि का बकरा बनाने में कामयाब रही।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे वर्मा ने आरोपी व्यक्तियों को बरी करते हुए पुलिस को फटकार लगाई थी और कहा था कि पुलिस अपराध करने के पीछे वास्तविक अपराधियों को पकड़ने में असमर्थ रही, लेकिन निश्चित रूप से इन 11 आरोपियों को बलि का बकरा बनाने में कामयाब रही।