जांच एजेंसी ने लगाये गंभीर आरोप
जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल की पत्नी और आम आदमी पार्टी के नेता कथित तौर पर गवाहों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने के लिए झूठी कहानी फैला रहे हैं। सीबीआई ने न्यायालय को दिए अपने जवाब में कहा कि उसने जांच को पटरी से उतारने के उनके जानबूझकर किये गये प्रयासों के कारण केजरीवाल की आगे की हिरासत की मांग नहीं की। सीबीआई ने कहा कि मुख्यमंत्री के आचरण को देखते हुए जांच अधिकारी ने मामले के तथ्यों से परिचित किसी व्यक्ति से उनका आमना-सामना कराना उचित नहीं समझा। इस दौरान केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, एन हरिहरन और विक्रम चौधरी तथा सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) डीपी सिंह न्यायालय में मौजूद रहे। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है, लेकिन वह अभी भी जेल में हैं, क्योंकि सीबीआई ने उनके खिलाफ एक अलग भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।