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स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के लिए जरूरी खबर, दिल्ली के स्कूल्स में 60 पर्सेंट अटेंडेंस जरुरी

आपके बच्चे भी स्कूल जाते हैं तो आपके लिए एक बड़ी और जरूरी खबर सामने आई है। सरकार ने स्कूलों में उपस्थिति को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक 60 फीसदी अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है।

Sep 03, 2022 / 02:30 pm

धीरज शर्मा

Delhi Government School 60 percent Attendance Mandatory For Students

Delhi Government School 60 percent Attendance Mandatory For Students

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल सरकार ने अब दिल्ली के स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत अब स्टूडेंट्स की स्कूलों में अटेंडेंस 60 फीसदी अनिवार्य कर दी गई है। फिलहाल ये फैसला दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों और उनके पैरेंट्स के लिए एक बड़ा अपडेट है। खास बात यह है कि यह नियम अनिवार्य रहेगा। यानी इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होगी।
स्कूलों में 60 फीसदी उपस्तिथि नहीं हुई तो क्या होगा?
दिल्ली सरकार की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक अब सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स को साल में 60 फीसदी दिन उपस्थित होना अनिवार्य है। अगर स्टूडेंट्स की अटेंडेंस इससे कम पाई जाती है तो सरकार उनके खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है।

इसके तहत इस नियम का उल्लंघन करने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जाएगा।दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से इसको एक आदेश भी जारी कर दिया गया है।

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स्कूल अटेंडेंस से जुड़ी जरूरी बातें

– दिल्ली के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक कक्षा के छात्र-छात्राएं की उपस्थिति 60 प्रतिशत होनी जरूरी है।
– 60 फीसदी से कम उपस्थिति रहने पर परीक्षा में बैठने को नहीं मिलेगा।
– अभिभावकों को मिलेगी बच्चे के उपस्थिति की जानकारी
– पैरेंट्स को जानकारी देने के लिए फोन कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप और मेल का सहारा लिया जाएगा।
– उपस्थिति की गणना मिड टर्म परीक्षा से पहले की जाएगी।
– उपस्थिति कम होने की स्थिति में छात्र-छात्राओं को शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
स्टूडेंट्स को प्रस्तुत करना होगा शपथ-पत्र
हालांकि जिन छात्र या छात्राओं के साथ कोई मजबूरी जो सेहत आदि से जुड़ी हो सकती है उस केस में उन्हें कम अनुपस्थिति रहने पर शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

इस वजह से सरकार ने लिया फैसला
दरअसल दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने पिछले कुछ दिनों में ये पाया कि, कोरोना वायरस संक्रमण में कमी आने के बाद भी स्कूलों में छात्रों की उपस्थित देखने को नहीं मिल रही है। वहीं सरकार का मानना है कि, स्कूलों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति ज्यादा रहने से उनके शैक्षणिक विकास में उन्हें काफी मदद मिलेगी।

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