दरअसल दिल्ली में इस वर्ष अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ने की वजह से बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। महीने की शुरुआत से लेकर इस डिमांड में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है।
285 फीसदी ज्यादा डिमांड की उम्मीद
बता दें कि दिल्ली में 1 अप्रैल को बिजली की डिमांड 4,469 मेगावाट थी। जो महीने खत्म होते-होते 6000 तक पहुंच गई। डिस्कॉम के अधिकारियों की मानें तो इस साल सबसे ज्यादा मांग करीब 8,200 मेगावाट रहने की उम्मीद है, जो 2002 के 2,879 मेगावाट से करीब 285 फीसदी ज्यादा रहेगी।
कोयले की कमी ने बढ़ाई चिंता
दूसरी तरफ कोयले की कमी ने भी दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में बिजली संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है।
सरकार का कहना है कि मौजूदा हालात में बिना बाधित बिजली सप्लाई करना बहुत लंबे समय तक संभव नहीं है और इसमें दिक्कत आ सकती है।
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