पंजाबी नहीं पूर्वांचली बन गए अहम
कभी भाजपा को दिल्ली में पंजाबियों और व्यापारियों की पार्टी कहा जाता था, लेकिन 2013 में आम आदमी पार्टी के उदय के साथ यह समीकरण दरक गया। इसके बाद भाजपा ने यूपी और बिहार से यहां बस चुके पूर्वांचलियों को रिझाने की कोशिश की। भोजपुरी के कलाकार मनोज तिवारी को इसीलिए सांसद व प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा इस चुनाव में इन मतदाताओं को रिझाने के लिए एनडीए सहयोगियों की मदद लेगी। कांग्रेस भी प्रवासी मतदाताओं को रिझाने में जुटी है। राजस्थान के अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेताओं के अनुभव का इस्तेमाल कर रहीं है, वहीं राजस्थान के तीन सांसदों कुलदीप इंदौरा, राहुल कस्वा और संजना जाटव भी दिल्ली में कैंप करने को कहा गया है।नीतीश सहित एनडीए सीएम करेंगे सभाएं
भाजपा ने एनडीए शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की दिल्ली में सभाएं कराने की तैयारी की है। सूत्रों के मुताबिक बिहार के मतदाताओं को साधने के लिए वहां के सीएम नीतीश कुमार को बुलाने की तैयारी है। जिस तरह से केजरीवाल ने यूपी और बिहार से फर्जी वोट बनाने के आरोप लगाएं, भाजपा इस मुद्दे को नीतीश के जरिए गरमाना चाहती है।किन सीटों पर किसका प्रभाव
पूर्वांचली
करावल नगर, किराड़ी, बुराड़ी, देवली, सीमापुरी, उत्तम नगर, संगम विहार, बादली, गोकलपुर, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, विकासपुरी, मॉडल टाउन, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, बदरपुर, पालम, राजेंद्र नगर यह भी पढ़ें
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उत्तराखंड के प्रवासी
द्वारका, लक्ष्मीनगर, नई दिल्ली, आरके पुरम, दिल्ली कैंट, बुराड़ी, करावल नगर, पटपड़गंज, बदरपुर, पालपंजाबी बहुल सीटें
राजौरी गार्डन, राजेंद्र नगर, जनकपुरी, तिलक नगर, पटेल नगर, ग्रेटर कैलाश, मोती नगर, शाहदरा, गांधी नगर।Hindi News / National News / Delhi Elections: किंगमेकर साबित होंगे प्रवासी मतदाता, इन सीटों पर ताकत झोंक रही पार्टियां