सीटों पर नजरः कांग्रेस होती गई साफ
-2013 में आप को 28, भाजपा को 31 और कांग्रेस को 8 सीट मिली। आप-कांग्रेस ने सरकार बनाई।-2015 में आप को 67 सीट, भाजपा को तीन सीट मिली। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।
-2020 में आप 62 सीट पर जीती। आठ सीटें भाजपा के खाते में गई। कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया।
कांग्रेस के वोट बैंक में आप की सेंधमारी
पिछले तीन चुनावों को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस के वोट बैंक में आप ने जबर्दस्त सेंधमारी की। जबकि, भाजपा अपना वोट प्रतिशत बचाए रखने में कामयाब रही और 2020 के चुनाव में तो उसके वोट प्रतिशत में इजाफा ही हुआ है।वोट प्रतिशतः
-2013 में कांग्रेस को 24.55 प्रतिशत, आप को 29.49 प्रतिशत तो भाजपा को 33.07 प्रतिशत वोट आए।-2015 में आप को 54.34 प्रतिशत, भाजपा को 32.19 प्रतिशत और कांग्रेस को 9.65 प्रतिशत वोट मिले।
-2020 में आप को 53.57 प्रतिशत, भाजपा को 38.51 प्रतिशत और कांग्रेस को सिर्फ 4.26 प्रतिशत वोट।
दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने के मकसद से केजरीवाल ने निम्न पांच घोषणाएं की हैं।
1- ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को 2100 रुपये दिए जाएंगे। 2- बुजुर्गों के लिए ‘संजीवनी योजना’ इसके तहत 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों का फ्री में इलाज होगा। 3- ऑटो चालकों के परिवार में बेटी की शादी पर 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। 4- दलित छात्रों के लिए अंबेडकर स्कॉलरशिप, इस योजना के तहत दिल्ली सरकार दलित छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।
5- पुजारियों-ग्रंथियों के लिए 18 हजार रुपये महीना दिया जाएगा। यह भी पढें- Delhi Election 2025: नई दिल्ली विधानसभा सीट पर हुआ ‘वोटों का घोटाला’, AAP ने BJP पर लगाया ये बड़ा आरोप