बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सांस लेने की शिकायत से लेकर अन्य बीमारियों के लिए मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर भी सुरक्षित नहीं है। राजधानी से ज्यादा खराब हवा हरियाणा के नारनौल में सबसे ज्यादा खराब है।
यह भी पढ़ेँः Delhi Air Pollution: दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा- पूरे NCR में लगे लॉकडाउन तो हम भी तैयार, SC ने फटकार लगाते हुए मांगा जवाब दिल्ली में जहरीली हवा ने सांसों का संकट बढ़ा दिया है। बीते 24 घंटे में दिल्ली का एक्यूआई 353 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। हालांकि पाबंदियों के बाद गंभीर श्रेणी से कुछ राहत जरूर मिली है।
दिल्ली-एनसीआर में एक सप्ताह के अदंर प्रदूषण संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या 22 प्रतिशत से 44 प्रतिशत हो गई है। डिजिटल मंच लोकल सर्किल्स के सर्वेक्षण में पाया गया कि लोगों पर वायु प्रदूषण की स्थिति दूसरे सप्ताह में और बिगड़ गई और दिल्ली-एनसीसीआर के 86 फीसदी परिवारों में एक या एकाधिक सदस्य जहरीली हवा का प्रतिकूल प्रभाव झेल रहे हैं।
करीब 56 फीसदी परिवारों में एक या एकाधिक को गले में खराश, कफ, गला बैठने, आखों में जलन जैसी दिक्कतें हैं। बता दें कि इस सर्वेक्षण में दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद एवं फरीदाबाद के 25000 से ज्यादा लोगों की राय ली गई।
सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘पिछले दो सप्ताह में डॉक्टर या अस्पताल का चक्कर काटने वालों का प्रतिशत दोगुना हो गया है। यह भी पढ़ेँः Coronavirus In Delhi: पाबंदियों में ढील पड़ रही भारी, दो दिन में बढ़े कोविड केस, 20 इलाके सील
हरियाणा के चार शहरों में बुरा हाल
दिल्ली के साथ-साथ सटे हुए इलाकों में स्थिति खराब है। हरियाणा के नारनौल में एक्यूआई 359 पहुंच गया जो सबसे अधिक रहा। जबकि गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में भी स्थिति ठीक नहीं है। इन शहरों में सरकार ने 17 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है।
दिल्ली के साथ-साथ सटे हुए इलाकों में स्थिति खराब है। हरियाणा के नारनौल में एक्यूआई 359 पहुंच गया जो सबसे अधिक रहा। जबकि गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में भी स्थिति ठीक नहीं है। इन शहरों में सरकार ने 17 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है।