दिल्ली की हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी 27 फीसदी के लगभग रही। दो दिन पहले यह हिस्सेदारी 48 फीसदी तक पहुंच गई थी। बाजवूद इसके जलहरीली हवा से निजात नहीं मिली। खराब होती हवा के बीच बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की जरूरत है।
यह भी पढ़ेँः कुमार विश्वास ने केजरीवाल सरकार पर कसा तंज, शेयर किया 2015 का वीडियो हवा की रफ्तार बढ़ने के चलते दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में हल्की गिरावट दर्ज की गई थी। जिससे लोगों को राहत की सांस ली, सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के अंक के नीचे यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया था।
लेकिन, मंगलवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर से 400 के अंक के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। दिनभर स्मॉग की एक हल्की परत भी देखने को मिली। स्मॉग के चलते दिल्ली की हवा और जहरीली हो रही है।
हालांकि बुधवार को एक्यूआई 400 के नीचे यानी 382 दर्ज किया गया, लेकिन ये भी खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है, जो चिंता बढ़ाने वाला है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक प्रदूषण से बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि पराली जलने की घटनाएं अभी ज्यादा ही रहेंगी, जबकि तापमान लगातार कम होगा।
यह भी पढ़ेँः Delhi: जहरीली युमना पर गर्माई सियासत, AAP और BJP आमने-सामने बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
जहरीली हवा का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों को में देखने को मिल रहे हैं। सांस लेने में शिकायत के चलते कई बच्चों को भर्ती भी किया गया है। SAFAR ने हेल्थ एडवायजरी में लोगों को जहां तक हो सके, बाहर कदम न रखने की सलाह दी है। खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की जरूरत है।
बादलों की वजह से मिक्सिंग हाइट अगले दो दिनों तक कुछ कम रहेगी, जिसकी वजह से स्मॉग दिख सकता है। लेकिन एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर बनेगा और लोगों की परेशानियां खत्म नहीं होंगी।
जहरीली हवा का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों को में देखने को मिल रहे हैं। सांस लेने में शिकायत के चलते कई बच्चों को भर्ती भी किया गया है। SAFAR ने हेल्थ एडवायजरी में लोगों को जहां तक हो सके, बाहर कदम न रखने की सलाह दी है। खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की जरूरत है।
बादलों की वजह से मिक्सिंग हाइट अगले दो दिनों तक कुछ कम रहेगी, जिसकी वजह से स्मॉग दिख सकता है। लेकिन एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर बनेगा और लोगों की परेशानियां खत्म नहीं होंगी।