दिल्ली-एनसीआर वासियों को रविवार से हल्की राहत मिली है। उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली तेज हवाओं के कारण हवा में मौजूद प्रदूषकों को फैलने में मदद मिलेगी। इससे वायु गुणवत्ता के स्तर में हल्का सुधार होने की उम्मीद है। प्रदूषण (Delhi Air Pollution) की आपात स्थितियों के चलते 16 नवंबर से कमीशन फॉर एयर क्वालिटी (CAQM) ने लागू किया था उनमें से कई की समय सीमा आज खत्म हो रही है। ऐसे में आज प्रदूषण को लेकर आपात बैठक में लॉकडाउन जैसे फैसलों पर विचार हो सकता है।
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Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR की हवा अब भी ‘बेहद खराब’, जानिए आज का AQI लेवल और कब तक राहत की उम्मीद राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहर जारी है। हालांकि कड़ी पाबंदियों और हवा के रुख बदलने से थोड़ी राहत जरूर मिली है।
अगले दो दिनों तक अच्छी धूप खिलने व तेज हवाओं के साथ देने के कारण मौसम साफ व खुशनुमा बना रहेगा। लेकिन रविवार को हवा जहरीली ही रही। दिल्ली का एक्यूआई 347 दर्ज किया गया है जो ‘बहुत बुरी’ श्रेणी में है।
इस बीच रविवार को अब तक लगी कुछ पाबंदियां आज खत्म हो रही है। ऐसे में सीएक्यूएम इन पाबंदियों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर सकता है। जो पाबंदियां 21 नवंबर को खत्म हो रही हैं उनमें राजधानी में गैर जरूरी सामानों को लेकर आ रहे ट्रकों की एंट्री, दिल्ली एनसीआर में निर्माण कार्य पर रोक और सरकारी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम मुख्य हैं।
लॉकडाउन पर भी फैसला
प्रदूषण के मौजूदा हालातों में वर्क फ्रॉर्म होम और निर्माण कार्य पर रोक के आदेश की तिथियों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। वहीं ट्रकों की एंट्री की रोक को आगे बढ़ाने पर संशय की स्थिति बनी हुई है।
क्योंकि लंबे समय तक दिल्ली की सप्लाई चेन को नहीं रोका जा सकता। इसके साथ ही दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का भी फैसला लिया जा सकता है। सफर के मुताबिक, बीते सप्ताह से पराली जलने के मामलों में कमी आई है। एक दिन पहले पड़ोसी राज्यों में 752 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई। इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण के हिस्से में न के बराबर हिस्सेदारी रही।
यह भी पढ़ेँः Air Pollution In Delhi-NCR: बिगड़ते हालात के बीच कहीं बंद तो कहीं लगी रोक, जानिए 15 अहम अपडेट 24 घंटे में राहत के आसारएक दिन पहले सिर्फ तीन फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई थी। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर के वातावरण में मौजूद प्रदूषक फैलेंगे। साथ ही दिल्ली समेत दक्षिण-पूर्वी भाग से प्रदूषण को कम होने में मदद मिलेगी।