दिल्ली में तेज हवाओं के कारण हवा की क्वालिटी गंभीर से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। सोमवार का औसत AQI 390 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी है। दिवाली के बाद ये पहली बार हुआ जब एक्यूआई में मामूली सुधार दिखा।
यह भी पढ़ेंः राजधानी में कोरोना के मामलों में हुई बढ़ोतरी, एक हफ्ते में बढ़े 30 कंटेनमेंट जोन दिल्ली में दिवाली के दौरान की गई आतिशबाजी और प्रतिकूल मौसम के बीच पराली जलाने के कारण पिछले तीन दिन की हवा गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज की जा रही थी, लेकिन इसमें मामूली सुधार देखने को मिला, इसकी बड़ी वजह रही हवा के रुख बदलना। हालांकि जानकार इसे फौरी राहत बता रहे हैं, क्योंकि अगले कुछ घंटों में हवा की स्थिति फिर गंभीर श्रेणी में पहुंचने के आसार हैं।
‘बहुत खराब’ श्रेणी की ही रहेगी हवा
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि हवा की गति आठ किमी प्रति घंटे से 14 किमी प्रति घंटे के बीच रही। जबकि SAFAR ने हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार की भविष्यवाणी की लेकिन कहा कि यह अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी की ही बनी रहेगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि हवा की गति आठ किमी प्रति घंटे से 14 किमी प्रति घंटे के बीच रही। जबकि SAFAR ने हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार की भविष्यवाणी की लेकिन कहा कि यह अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी की ही बनी रहेगी।
दरअसल रविवार को पड़ोसी राज्यों में 5,450 खेतों में पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस सीजन में अब तक की सबसे ज्यादा है। वहीं सोमवार को पंजाब-हरियाणा में 4,685 जगह पराली जलाई गई। इसमें से अकेले पंजाब में 4,458 और हरियाणा में 227 जगह पराली जलाई गईं।
पिछले तीन दिनों में दिल्ली के वायु प्रदूषण 48 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण हुआ। जो सोमवार घटकर 30 फीसदी पर पहुंच गया। वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी SAFAR के अनुसार हवा की गति के कारण प्रदूषण कम हुआ है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB ) ने दिल्ली और उससे सटे इलाकों की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने के बाद कहा है कि अगले पांच दिनों के दौरान पराली जलाने का वायु प्रदूषण में योगदान बढेगा। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI )‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच रहने की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB ) ने दिल्ली और उससे सटे इलाकों की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने के बाद कहा है कि अगले पांच दिनों के दौरान पराली जलाने का वायु प्रदूषण में योगदान बढेगा। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI )‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच रहने की संभावना है।
बोर्ड ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सड़कों पर पानी के छिड़काव के साथ-साथ श्रेणीबद्ध कार्रवाई योजना (ग्रैप) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया है।