ये दावा एक शोध के आधार पर किया गया है। दरअसल अब तक कई चिकित्सीय अध्ययन सामने आ चुके हैं, लेकिन टीकाकरण और पोस्ट कोविड लक्षणों को लेकर पहली बार दिल्ली एम्स ने जानकारी हासिल की है। अभी तक वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दी जा रही थी, लेकिन अब पोस्ट कोविड स्थिति से बचने के लिए भी टीकाकरण को जरूरी बताया गया है।
यह भी पढ़ेंः Corona Vaccine सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर का क्या काम? HC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब एम्स के मुताबिक, वैक्सीन की दो खुराक से पोस्ट कोविड लक्षण दूर कर सकते हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद जो लोग समय रहते वैक्सीन की दोनों खुराक ले रहे हैं उनमें पोस्ट कोविड के लक्षण बेहद कम या बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे हैं।
संक्रमण से ठीक होने के बाद जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है उनमें पोस्ट कोविड की आशंका दिखाई दे रही है।
यह अध्ययन मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में अभी समीक्षा स्थिति में है। एम्स के सात विभाग डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान, मनोरोग, पल्मोनरी, मेडिसिन, एंड्रोक्रॉयनोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी और अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों ने मिलकर यह अध्ययन किया है।
यह अध्ययन मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में अभी समीक्षा स्थिति में है। एम्स के सात विभाग डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान, मनोरोग, पल्मोनरी, मेडिसिन, एंड्रोक्रॉयनोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी और अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों ने मिलकर यह अध्ययन किया है।
इसमें एम्स के स्वास्थ्य कर्मचारी और अन्य स्टाफ को भी शामिल किया गया था। इन लोगों ने फोन पर कोविड से ठीक होने के बाद डेली रूटीन को लेकर रिएक्शन दिया। 1800 में से 33 फीसदी में पोस्ट कोविड लक्षण
डॉक्टरों के मुताबिक बताया कि जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच 1800 से ज्यादा कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें 33.20 फीसदी मरीज ऐसे मिले जिनमें स्वस्थ्य घोषित करने के बाद भी पोस्ट कोविड के लक्षण मिल रहे हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक बताया कि जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच 1800 से ज्यादा कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें 33.20 फीसदी मरीज ऐसे मिले जिनमें स्वस्थ्य घोषित करने के बाद भी पोस्ट कोविड के लक्षण मिल रहे हैं।
कुल 1801 रोगियों का चयन करने के बाद जब अध्ययन शुरू हुआ तो 773 मरीजों से पर्याप्त जानकारी मिल सकी। इनकी औसतन आयु 34 वर्ष थी। 56.40 फीसदी पुरुष और बाकी महिलाएं मरीज थीं। अध्ययन में पता चला कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 33.20 फीसदी मरीजों में चार या उससे अधिक सप्ताह तक पोस्ट कोविड लक्षण रहे।
शरीर के किसी भी अंग पर हो सकता है असर
कोरोना वायरस का असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। इसलिए पोस्ट कोविड के लक्षण किसी भी अंग से जुड़े हो सकते हैं। यह भी पढ़ेँः सरकार का बड़ा फैसला, Corona Vaccine की पहली डोज नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों की ऑफिस एंट्री पर लगाई रोक
कोरोना वायरस का असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। इसलिए पोस्ट कोविड के लक्षण किसी भी अंग से जुड़े हो सकते हैं। यह भी पढ़ेँः सरकार का बड़ा फैसला, Corona Vaccine की पहली डोज नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों की ऑफिस एंट्री पर लगाई रोक
आंकड़ों पर एक नजर
– 773 में से 407 लोगों ने संक्रमण से पहले वैक्सीन नहीं लिया था,
– 175 ने पहली और 191 लोगों ने दोनों खुराक ली थी। इसके बाद इन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था
– 407 में से 35 फीसदी यानी 142 मरीजों को पोस्ट कोविड का सामना करना पड़ रहा है।
– 175 एक खुराक लेने वाले जबकि 65 ने दोनों खुराक ली
– 191 में से केवल 50 लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण मिले हैं
– 773 में से 407 लोगों ने संक्रमण से पहले वैक्सीन नहीं लिया था,
– 175 ने पहली और 191 लोगों ने दोनों खुराक ली थी। इसके बाद इन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था
– 407 में से 35 फीसदी यानी 142 मरीजों को पोस्ट कोविड का सामना करना पड़ रहा है।
– 175 एक खुराक लेने वाले जबकि 65 ने दोनों खुराक ली
– 191 में से केवल 50 लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण मिले हैं
इसी के आधार पर वैक्सीनेशन को पोस्ट कोविड लक्षणों के लिए भी बेहतर माना जा रहा है।