13 अक्टूबर को आया एक फोन
पीड़ित महिला ने नारणपुरा पुलिस एफआईआर में बताया कि वह 132 फीट रिंग रोड पर रहती हैं। महिला ने कहा कि 13 अक्टूबर को उसके पास एक कॉल आई थी, जिसमें एक शख्स कूरियर फर्म का कर्मचारी होने का दावा कर रहा था। उनसे महिला को बताया कि एक पार्सल में तीन लैपटॉप, दो सेल फोन, 150 ग्राम हैं। उसके नाम का इस्तेमाल कर मेफेड्रोन और 1.5 किलो कपड़े थाईलैंड भेजे गए है। फोन करने वाले व्यक्ति ने महिला को तुरंत साइबर क्राइम से संपर्क करने के लिए निर्देश दिए।
यह है पूरा मामला
इस दौरान पीड़िता ने आगे कहा कि कॉल काटने के बाद खुद को दिल्ली से साइबर अधिकारी बताने वाले किसी व्यक्ति का व्हाट्सएप्प कॉल आया था। जिसमें उसने महिला को बताया कि उनका नाम नशीले पदार्थों की जांच के दौरान सामने आया था। बाद में आरोपी ने पीड़िता को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए कहा था। फिर उसे ऐसे मैसेज मिले जिसमें वो शामिल है। इसमें दिल्ली साइबर क्राइम से जाली पत्र मिला जिसमें महिला के नाम नशीले पदार्थों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा हुआ था।
वेबकैम पर कपड़े उतारने को किया मजबूर
बाद में डरी हुई महिला वीडियो कॉल में शामिल हो गई। जहां एक शख्स खुद को CBI अधिकारी बता रहा था। इस दौरान आरोपी ने पीड़िता को अपना चेहरा दिखाते हुए उसे अपने सभी जन्मचिन्ह दिखाने के लिए कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने शुरुआत में साफ मना कर दिया। लेकिन जेल जाने की धमकी मिलने के बाद वह मान गई। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उस फेक अधिकारी ने एक महिला की मौजूदगी में कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था। फिलहाल पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।