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हरियाणा में सरकार बनने से पहले ही ‘नई सरकार’ के लिए खड़ा हुआ संकट!

Haryana News: हरियाणा में नई सरकार के गठन से पहले ही आने वाली सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो गई है।

नई दिल्लीOct 07, 2024 / 08:27 pm

Anish Shekhar

Haryana News: हरियाणा में नतीजों के साथ ही सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसी बीच हरियाणा के करनाल में किसानों ने धान की सरकारी खरीद को लेकर धरना प्रदर्शन किया। उन्‍होंने अनाज मंडी में रोष जताया। धान की सरकारी खरीद न होने की वजह से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न खरीद एजेंसियों जैसे हैफेड, फूड सप्लाई और एफसीआई ने धान की खरीद का जिम्मा लिया है, लेकिन इस बार प्रक्रिया में काफी देरी हो रही है। प्रारंभिक दिनों में कुछ मात्रा में धान की खरीद हुई, लेकिन उसके बाद यह पूरी तरह से बंद हो गई। इस स्थिति से नाराज होकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने अनाज मंडी में प्रदर्शन किया। इसके बाद वे मार्केट कमेटी के दफ्तर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

खरीद में आ जाएगी तेजी

अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे वहीं माने। किसानों की मांग है कि सरकार के नियमों के अनुसार 17 प्रतिशत तक की नमी वाला धान खरीदा जाए, लेकिन धान की खरीद नहीं की जा रही है। इस मामले पर मार्केट कमेटी के सचिव ने बताया, “इस बार स्थिति थोड़ी कठिन है, क्योंकि कुछ विक्रेताओं के साथ अनुबंध में गलतियां हुई हैं। जैसे ही अनुबंध पूरे होंगे, खरीद में तेजी आ जाएगी। सरकारी मानकों के अनुसार धान की खरीदी की जा रही है। शुरू में माल की गुणवत्ता ठीक नहीं थी, लेकिन अब जो धान आ रहा है, वह बिक रहा है।
इस विषय पर भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा, “सरकार के दरबार में बैठे किसानों की दुर्दशा को अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया है। अभी खरीद नहीं हो रही, और जब आप उनसे पूछते हैं, तो वे कहते हैं कि खरीद जल्द शुरू होगी। ये सब केवल झूठ है। हमें यहां बैठकर मांग करनी पड़ रही है कि खरीद प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए। अगर हमारी फसल की खरीद नहीं होगी, तो हमें मजबूरन सड़कों पर आंदोलन करना पड़ेगा। पूरे प्रदेश में किसान नाराज हैं और सड़कों पर उतर चुके हैं। यह स्थिति अब और सहन नहीं की जाएगी। हमने साफ-साफ कह दिया है कि या तो धान की खरीद तुरंत सुनिश्चित करें, अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे और इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे।”
जिले के एक अन्य किसान नेता महताब कायदान ने कहा, “अधिकार‍ियों ने स्थिति को मजाक बना दिया है। मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं कि जब इतना बड़ा चुनाव हुआ, क्या सरकार ने इसके लिए उचित प्रबंध नहीं किए? सरकार और अधिकारियों की प्राथमिकता केवल अपनी समस्याओं पर है। हमारा दुकानदार भी अपनी दुकान में ताला लगाकर खड़ा हो जाता है, लेकिन हम कहां जाएं? हमारा सब कुछ सड़क पर बिखरा पड़ा है। जब किसानों की फसल मंडी में आती है, तब सरकार को याद आता है कि क्या करना चाहिए।”

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